पश्चिम बंगाल सरकार ने हिटवेव को प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल किया है। अगर हिटवेव की वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो राज्य सरकार उसके परिजनों को 2 लाख रुपए का मुआवजा देगी।
कोलकाता, 5 सितंबर : अप्रैल से लेकर जून-जुलाई तक का समय ऐसा माना जाता है जब हिटवेव की सर्वाधिक घटनाएं सामने आती हैं। कोलकाता में उस समय तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। वहीं कई बार हिटवेव की वजह से नागरिकों की मौत की घटनाएं भी घटती हैं। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने हिटवेव को प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल किया है।
अगर हिटवेव की वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो राज्य सरकार उसके परिजनों को ₹2 लाख का मुआवजा देगी। नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 'स्टेट एक्जिक्यूटिव कमेटी' की बैठक में हाल ही में यह फैसला लिया गया है।
मुआवजा मिलेगा लेकिन...
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से हिटवेव की वजह से बीमार पड़ने और मौत होने जैसी घटनाएं राज्य के अलग-अलग हिस्सों में घट रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार ने इस बारे में सोच-विचार करना शुरू किया था। बताया जाता है कि मुख्य सचिव मनोज पंथ ने पिछले महीने ही इस बाबत बैठक की थी, जिसमें हिटवेव की वजह से मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा देने का फैसला लिया गया था।
इस बाबत राज्य की आपदा प्रबंधन और सीविल डिफेंस विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर सनस्ट्रोक या हिटस्ट्रोक से किसी व्यक्ति की मौत होने पर परिजनों को ₹2 लाख का मुआवजा देने की घोषणा कर दी है। हालांकि मुआवजा प्राप्त करने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है।
बता दें, अब तक वज्राघात, दुर्घटनावश आगलगी, नाव के डूबने, पेड़ उखड़ने, घर की दीवार के नीचे दब जाने जैसी दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को ₹2 लाख की आर्थिक मदद दी जाती थी। लेकिन अब हिटवेव के साथ-साथ राज्य सरकार ने बांध टूटने, भारी बारिश, जंगली जीवों के आक्रमण, बिजली का झटका लगने से हुई मौत, दावानल, जहरीले कीड़े-मकौड़े द्वारा काटे जाने समेत 14 अन्य घटनाओं को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया है।