लंबे समय तक चर्चाओं में रहने के बाद आखिरकार राज्य के 6 प्रमुख विश्वविद्यालयों में स्थायी उपाचार्यों की नियुक्ति हुई। राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के आचार्य सी.वी.आनंद बोस ने इस बाबत अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट कर सबसे पहले जानकारी दी। जिन 6 विश्वविद्यालयों में स्थायी उपाचार्य (Permanent VC) की नियुक्ति हुई है, उनमें कलकत्ता विश्वविद्यालय (CU) और जादवपुर विश्वविद्यालय (JU) भी शामिल है।
राज्यपाल द्वारा स्थायी उपाचार्यों की नियुक्ति की घोषणा करने के कुछ देर बाद ही बुधवार को ही राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्थायी उपाचार्यों का नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया। नियुक्ति पत्रों के मुताबिक स्थायी उपाचार्य की नियुक्ति उस दिन से लागू होगी जिस दिन संबंधित विश्वविद्यालय के स्थायी उपाचार्य अपना पदभार संभालेंगे। इसके साथ ही सभी स्थायी उपाचार्य 4 वर्षों तक या 70 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक अपना पदभार संभालेंगे।
कौन से विश्वविद्यालय का कौन बना स्थायी उपाचार्य?
कलकत्ता विश्वविद्यालय (CU) : आशुतोष घोष को स्थायी उपाचार्य नियुक्त किया गया है। यहां पिछले लगभग 3 सालों से कोई स्थायी उपाचार्य नहीं था। इससे पहले घोष ने सीयू के अंतरिम उपाचार्य के तौर पर जुलाई 2016-जुलाई 2017 तक काम किया था।
जादवपुर विश्वविद्यालय (JU) : चिरंजीव भट्टाचार्य को जेयू का स्थायी उपाचार्य नियुक्त किया गया है। जेयू में वर्ष 2023 के मध्य से कोई स्थायी उपाचार्य नहीं था। पिछले लगभग 7 महीनों से जेयू में कोई अंतरिम उपाचार्य भी कार्यरत नहीं था। चिरंजीव भट्टाचार्य वर्तमान में उच्च माध्यमिक काउंसिल (WBCHSE)के चेयरमैन के पद पर हैं। इससे पहले वह जेयू के रजिस्ट्रार और अस्थायी प्रो-वीसी का पदभार संभाल चुके हैं। भट्टाचार्य ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि उनकी प्राथमिकता 24 दिसंबर को होने वाले दिक्षांत समारोह को अच्छी तरह से संपन्न करवाना और अधिकारियों के रिक्त पदों को भरना है।
विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय : अबु तालिब खान
साधु रामचंद मुर्मू विश्वविद्यालय, झाड़ग्राम : चंद्रदीपा घोष
गौर बंग विश्वविद्यालय : आशिष भट्टाचार्य
काजी नजरुल विश्वविद्यालय : उदय बंद्योपाध्याय
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सभी उपाचार्यों का स्वागत करते हुए अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट किया है, 'आज राज्य की सहायता प्राप्त 6 विश्वविद्यालयों को स्थायी उपाचार्य मिल गया, जो मुख्यमंत्री की पहली पसंद थे। मैं सभी को हार्दिक बधाई देता हूं और सभी को ढेरों शुभकामनाएं।'
गौरतलब है कि गत 6 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा था कि 6 विश्वविद्यालयों में स्थायी उपाचार्यों की नियुक्ति में कोई बाधा नहीं है। इसके बाद ही उपाचार्यों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच पिछले लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष खत्म हो पाया था।
गत 27 अक्तूबर को 6 विश्वविद्यालयों के प्रस्तावित उपाचार्यों के साथ राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में बैठक की। इसके कुछ दिनों बाद ही सभी उपाचार्यों की नियुक्ति पत्र को जारी कर दिया गया।