समाचार एई समय: साल के अंत में ठंड का मौसम हमेशा की तरह बाहर घूमने का सही मौका। ऐसे में ट्रेनों, हवाई जहाज और होटलों की बुकिंग कर लेने के बाद बाहर निकलने से पहले आपको जो सबसे जरूरी चीज़ अपने साथ रखनी होगी, वह है सफर पर जाने वाले सभी लोगों का आधार कार्ड और उसकी फोटोकॉपी। आप जहां-जहां जाएंगे, वहां रुकने की जगह पर इसे प्रमाण के रूप में जमा करना होगा, वरना ‘दिक्कत’ हो सकती है। मोबाइल में ‘m-Aadhaar’ ऐप दिखाकर एयरपोर्ट पर तो छुट मिल सकती है लेकिन होटलों आदि में बिना आधार के काम नहीं चलता। यही स्थिति ईवेंट ऑर्गनाइजर्स और हजारों अन्य संस्थाओं के लिए भी है, जिन्हें संबंधित व्यक्ति की प्रमाणिक पहचान ‘वेरिफिकेशन’ के लिए करनी पड़ती है। आधार न होने पर पासपोर्ट भी काम आ सकता है, लेकिन उसके पास कितने लोग होंगे?
समस्या और भी बड़ी है। इस तरह हजारों जगहों पर आपका आधार ज़ेरॉक्स जमा रहने का मतलब यह है कि आपके कई व्यक्तिगत डेटा धोखेबाजों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। बायोमेट्रिक डेटा को ‘लॉक’ करने या सुरक्षित रखने में शायद ही 100 में 1 व्यक्ति सफल हो। इसलिए अगर कोई साइबर अपराधी थोड़ी सी चतुराई दिखाए तो आधार के ज़ेरॉक्स से कई चीजें हथियाई जा सकती हैं।
हालांकि अब इस परेशानी से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। खुद UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश कुमार ने यह दावा किया है। रविवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि अधिकारियों ने जल्द ही एक नई पद्धति लागू करने की तैयारी कर ली है। इसमें आधार के ज़ेरॉक्स से वेरिफिकेशन करने की प्रक्रिया को ‘बंद’ कर दिया जाएगा। इसके बजाय जो लोग ऑफ़लाइन आधार वेरिफिकेशन करना चाहते हैं उन्हें UIDAI के पास ऑफ़लाइन आधार वेरिफिकेशन के लिए अनिवार्य पंजीकरण करना होगा।
जो भी संस्थाएं यह एकबारगी पंजीकरण कर लेंगी, उन्हें भविष्य में नई तकनीक (QR कोड स्कैनिंग सहित) के जरिए आधार वेरिफिकेशन का मौका मिलेगा। UIDAI द्वारा बनाई जा रही नई आधार ऐप जब लागू होगी, तब पंजीकृत संस्थाएं इस ऐप से ‘पेपरलेस’ वेरिफिकेशन की सुविधा ले सकेंगी। UIDAI सीईओ के अनुसार, “आधार की फोटोकॉपी जमा करने पर रोक लगाने के लिए जो नया नियम आने वाला है, उस पर सभी संबंधित अधिकारी सहमत हो चुके हैं। जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय आधार डेटाबेस और इंटरमीडियरी सर्वर के बीच कनेक्शन के समय जो समस्या होती थी उसे भी खत्म करने की पहल की जा रही है। पंजीकृत संस्थाएं ऐप के API से जुड़ सकेंगी ताकि आधार वेरिफिकेशन में कोई बाधा न आए। मुख्य आधार डेटाबेस से सीधे जुड़े बिना ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन प्रक्रिया को तेज करने के लिए नई आधार ऐप की बीटा टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है।