देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों बड़े परिचालन संकट से गुजर रही है। दिसंबर की शुरुआत से हजारों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है और एयरलाइन की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है। लगातार देरी और रद्दीकरण की वजह से Moody’s ने IndiGo की स्थिति को ‘क्रेडिट नेगेटिव’ करार दिया है।
पीक सीजन में उड़ानों का बिगड़ना
2 दिसंबर से उड़ानें रद्द होने लगीं। 5 दिसंबर को 1,600 से ज्यादा उड़ानें ग्राउंड करनी पड़ीं। नवंबर में भी 1,200 से अधिक उड़ानें रद्द हुई थीं। सोमवार को 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। एयरलाइन अभी तक सामान्य परिचालन बहाल नहीं कर पाई है, जिससे यात्रियों को रिफंड और मुआवजा देना बढ़ गया है।
नए FDTL नियम बने संकट की वजह
1 नवंबर 2025 से नए Flight Duty Time Limit (FDTL) नियम लागू हुए। रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक की ड्यूटी ‘नाइट ड्यूटी’ मानी जाती है और 24 घंटे में लैंडिंग की संख्या घटाकर 2-3 कर दी गई। Moody’s के अनुसार, नियम एक साल पहले इंडस्ट्री को बताया गया था, लेकिन IndiGo समय पर क्रू प्लानिंग और संसाधन प्रबंधन में सुधार नहीं कर सका।
DGCA की सख्त कार्रवाई
लगातार उड़ानें रद्द होने के बाद DGCA ने कड़ा रुख अपनाया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA ने सख्त कार्रवाई करते हुए IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रो पोर्केरास को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन को 7 दिसंबर तक सभी यात्रियों को बिना शुल्क के रिफंड देने का आदेश दिया। नवंबर में IndiGo की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 84% से गिरकर 68% रह गई।
Moody’s ने बताया बड़ा वित्तीय खतरा
Moody’s ने चेताया कि रद्दीकरण, रिफंड और संभावित DGCA पेनल्टी से IndiGo को भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है। एजेंसी ने एयरलाइन के ‘ह्यूमन कैपिटल स्कोर’ को 3 से घटाकर 4 कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में IndiGo की लाभप्रदता घट सकती है और अंतरराष्ट्रीय कोड-शेयरिंग पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।
IndiGo ने 2,200 में से 1,650 उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं। उम्मीद है कि मध्य दिसंबर तक पूरा शेड्यूल सामान्य हो जाएगा। DGCA ने FDTL नियमों में 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी छूट दी है। एयरलाइन को हर 15 दिन में परिचालन और अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।