नयी दिल्लीः पिछले कुछ महीनों से नए लेबर कोड्स (New Labour Codes) कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। सभी का सवाल है-क्या टेक-होम सैलरी, यानी हर महीने कर्मचारियों के पास आने वाली सैलरी कम हो जाएगी? चिंता का कारण यह है कि नए नियमों में कहा गया है कि बेसिक सैलरी (Basic Salary) कुल सैलरी का कम से कम 50% होनी चाहिए। इससे प्रॉविडेंट फंड (PF) कटौती बढ़ सकती है और महीने के आखिर में कर्मचारियों के हाथ में कम पैसे आएंगे।
हालांकि, श्रम मंत्रालय ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस डर को पूरी तरह दूर कर दिया। सीधे शब्दों में कहा जाए तो-कर्मचारियों की सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
डर क्यों था?
21 नवंबर 2025 को नए लेबर कोड की घोषणा के बाद यह चर्चा शुरू हुई। नए नियम के अनुसार किसी भी संगठन की कुल सैलरी का कम से कम 50% हिस्सा बेसिक सैलरी होना चाहिए। कई लोगों ने सोचा कि बेसिक बढ़ने से PF कटौती भी बढ़ेगी क्योंकि आम तौर पर PF बेसिक का 12% होता है। इससे महीने के अंत में हाथ में आने वाला पैसा कम हो जाएगा।
सरकार ने क्या कहा?
श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह सोच गलत है। PF कटौती के लिए एक “मैजिक नंबर” है-15,000 रुपये। आपकी बेसिक सैलरी चाहे जितनी भी बढ़ जाए, PF कटौती उसी 15,000 रुपये के आधार पर होगी। इसका मतलब है कि अधिकतम 12% या 1,800 रुपये PF के तौर पर कटेंगे।
इससे ज्यादा कटौती केवल वैकल्पिक (ऑप्शनल) है यानी कर्मचारी चाहे तो ही 1,800 रुपये से अधिक PF कटने देंगे, वरना नहीं।
सरल उदाहरण से समझें:
मान लें, किसी कर्मचारी का कुल मासिक वेतन 60,000 रुपये है।
बेसिक + DA: 20,000 रुपये
अन्य भत्ते: 40,000 रुपये
PF कटौती का हिसाब:
बेसिक 20,000 रुपये है, जो 15,000 रुपये से अधिक है। फिर भी अनिवार्य PF कटौती 15,000 × 12% = 1,800 रुपये ही होगी।
यह 1,800 रुपये एम्प्लॉयर और कर्मचारी दोनों को PF कंट्रीब्यूशन के रूप में देना होगा।
इस हिसाब से कर्मचारी के हाथ में बचेगा 56,400 रुपये यानी पहले जैसी सैलरी ही हाथ में आएगी।
बेसिक सैलरी बढ़ने के बावजूद PF कटौती 15,000 रुपये की सीमा में ही रहेगी।
कब घट सकती है टेक-होम सैलरी?
यदि कर्मचारी और उसकी कंपनी मिलकर तय करें कि 15,000 रुपये की सीमा से ऊपर जाकर पूरी बेसिक सैलरी पर PF कटे, तभी सैलरी कम हो सकती है। सरकार ने कहा है कि नए कानून का उद्देश्य केवल पारदर्शिता (Transparency) लाना है, किसी के वेतन में कटौती करना नहीं। इसलिए कर्मचारियों को बेवजह चिंतित होने की जरूरत नहीं है।