मुंबई: माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा कि दुनिया एक ऐसे नए युग में प्रवेश कर रही है जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति के कारण संभव की सीमा तेज़ी से विस्तार कर रही है। नडेला ने यह बात शुक्रवार को मुंबई में आयोजित Microsoft AI Tour में अपने संबोधन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि तकनीक अब सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को ग्राहक अनुभव से लेकर कर्मचारी उत्पादकता और समग्र परिचालन दक्षता तक अपने कामकाज की पूरी तरह नई कल्पना करने का अवसर देती है। संभव की सीमा बदल रही है। तकनीक का सबसे रोमांचक पहलू यही है कि यह हमें यह फिर से कल्पना करने देता है कि अब हम क्या कर सकते हैं। चाहे वह हमारे राज्य में हो, हमारे संगठन में हो या हमारे व्यक्तिगत जीवन में।
नडेला ने बताया कि एआई दवा उद्योग जैसे अत्यधिक नियामित क्षेत्रों सहित सभी सेक्टरों में नवाचार को नया रूप दे रहा है। दवा कंपनियाँ अब यह पता लगा सकती हैं कि वे नैदानिक परीक्षणों को तेज़ कर सकती हैं और अधिक नई दवाएँ तेजी से बाज़ार में ला सकती हैं। यह दर्शाता है कि उद्योग उस सीमा की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिसका पीछा हम सब कर रहे हैं। इस नए दौर में कदम रखने के लिए उन पुरानी विधियों पर निर्भर रहने के बजाय नए तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है, जो पहले प्रभावी थीं। इस तकनीकी दौर में परिणाम हासिल करने के लिए पुरानी सीख को भूलना और नई सीख को अपनाना दोनों ज़रूरी है।
एआई विकास के लिए नई सोच की आवश्यकता समझाते हुए नडेला ने कहा कि एआई सिस्टम बनाना पारंपरिक सूचना प्रणालियाँ बनाने से बिल्कुल अलग है। विस्तृत विशिष्टताओं से शुरुआत करने के बजाय एआई विकास अपेक्षित परिणाम को परिभाषित करने से शुरू होता है। आप स्पेक से शुरुआत नहीं करते। आप वास्तव में टेस्ट से शुरुआत करते हैं। डेवलपर अब परिणाम को मापने के लिए रूपरेखाएँ या मूल्यांकन तैयार करते हैं, उसके इर्द-गिर्द एक लर्निंग सिस्टम बनाते हैं और फिर मॉडल को लगातार बेहतर करते रहते हैं। यह प्रक्रिया पारंपरिक सॉफ्टवेयर निर्माण पद्धति को उलट देती है, जहाँ शुरुआत बाएँ से दाएँ की ओर होती थी लेकिन एआई में शुरुआत वांछित प्रभाव से होती है और वहाँ से पीछे की ओर काम किया जाता है। इस नई सीमा के अनुरूप ढलने का अर्थ है कि हर किसी को नए कौशल अपनाने होंगे और आधुनिक उपकरणों का रोज़ाना उपयोग करना होगा। संगठनों को चाहिए कि वे अपने डेटा, टूल और वर्कफ़्लो को एक साथ लाएँ ताकि इन कौशलों और मानसिकता को समर्थन मिल सके और एआई किसी अमूर्त अवधारणा के बजाय दैनिक अभ्यास का हिस्सा बन सके।