भारत के बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के संबंध में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहमति दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस विषय पर हरी झंडी दिखाई। इसके बाद विदेशी निवेशक भारत की विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों में 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगे।
इस निर्णय के चलते आने वाले दिनों में भारत के बीमा क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस फैसले से बीमा क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके परिणामस्वरूप ग्राहक सेवाओं में और भी सुधार होगा। इस फैसले ने विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में निवेश के नए रास्ते खोल दिए हैं।
अब तक इंश्योरेंस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 74 प्रतिशत थी। इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया गया है। भारत का बीमा क्षेत्र देश के सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक है। आने वाले पांच वर्षों में यह क्षेत्र 7.1 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। अभी तक भारत के बीमा क्षेत्र में 82,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हो चुका है। इस फैसले के बाद निवेश की राशि और बढ़ने की उम्मीद है।
इस साल फरवरी महीने में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के संकेत दिए थे। गुरुवार को ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट में 100 प्रतिशत एफडीआई का मुद्दा सामने आया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब यह पुष्टि हो गई है।