बिना अनुमति के रायगंज विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने का आरोप विधायक पर लगाया गया है। यह आरोप और किसी ने नहीं बल्कि पर खुद विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक राय ने लगाया है।
रायगंज, 12 सितंबर : रायगंज के तृणमूल विधायक कृष्ण कल्याणी पर परीक्षा के दौरान बिना अनुमति के रायगंज विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप और किसी ने नहीं बल्कि पर खुद विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक राय ने लगाया है। उन्होंने कल्याणी के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी तक दे डाली है। इस घटना के बाद से हंगामा मच गया है।
विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न विषयों की परीक्षाएं चल रही थीं। उसी समय अचानक बिना किसी अनुमति के अपने समर्थकों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में विधायक पहुंच जाते हैं। आरोप है कि परीक्षा के समय ही विश्वविद्यालय के मैदान में उन्होंने काफी देर तक क्रिकेट भी खेला।
पूरे मामले को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है जिसमें अब राजनीतिक रंग भी डल चुका है। बिना अनुमति के विधायक के विश्वविद्यालय में प्रवेश की घटना की जानकारी मिलते ही कुलपति ने इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "विधायक ने विश्वविद्यालय को बिना बताए अचानक परिसर में प्रवेश किया। विश्वविद्यालय में परीक्षा के दौरान बीएनएस की धारा 163 लागू रहती है। ऐसे में बिना अनुमति के लोगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक के साथ उस दिन विश्वविद्यालय के एक सेवानिवृत्त गैर-शिक्षक कर्मचारी भी मौजूद थे।'
इधर कुलपति के इस हमले के जवाब में कृष्ण कल्याणी ने उन पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'मैं विश्वविद्यालय नहीं गया था। विश्वविद्यालय के पास एक तालाब के निर्माण कार्य को देखने गया था। लौटते समय मैदान में बच्चों की जिद पर थोड़ी देर के लिए क्रिकेट खेलने चला गया। इसमें उनकी आपत्ति कहां है? कुलपति ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। कुछ दिनों में नए स्थायी कुलपति आ जाएंगे। वह तो अस्थायी थे। इसलिए ऐसी बातें कह रहे हैं। मैं उन्हें कहूंगा कि वे चिकित्सक की सलाह लें।'
इस घटना में राजनीतिक रंग लगने में देर नहीं लगी। भाजपा के जिला अध्यक्ष निमाई कबीराज ने तंज कसते हुए कहा, 'तृणमूल के विधायक से इससे ज्यादा और क्या उम्मीद की जा सकती है। शिक्षा का माहौल खराब करना, शिक्षक से लेकर प्रोफेसर, यहां तक कि कुलपति का भी अपमान करना ही तृणमूल का काम है।' हालांकि तृणमूल के जिला अध्यक्ष कन्हैयालाल अगरवाल ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।