समाचार एई समय : पश्चिम बंगाल में 15 अक्तूबर के बाद से ही स्पेशल इनटेनसिव रिविशन (SIR in Bengal) के शुरू होने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कोलकाता में डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने विभिन्न जिलों के चुनाव अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कुछ ऐसा ही संकेत दिया है।
बताया जाता है कि फेयरी प्लेस में स्थित 'बामार लॉरी' बिल्डिंग में चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (CEO) के दफ्तर में हुई वर्चुअल बैठक के दौरान डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि सर (SIR) से जुड़ी सारी तैयारियां अगले 7 दिनों के अंदर पूरी कर लेनी होगी। खास तौर पर वर्ष 2002 में 'सर' के समय वोटर लिस्ट में जिन लोगों का नाम था और अभी भी है, ऐसे वोटरों का नाम चिह्नित कर मैपिंग का काम सम्पन्न कर लेना होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्चुअल बैठक के दौरान उत्तर बंगाल के जिलों में से सिर्फ अलीपुरदुआर के जिलाधिकारी ही शामिल हुए थे। हालांकि प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए उत्तर बंगाल के जिलों को उस बैठक में शामिल होने से छूट दी गयी थी।
बताया जाता है कि इस बैठक में विभिन्न जिलों के चुनाव अधिकारियों से ज्ञानेश भारती ने पूछा कि 'सर' को लेकर वे कितने संतुष्ट हैं? क्या 'सर' की विज्ञप्ति जारी होने के बाद करीब 30% आवेदन पत्र अगले 3-4 दिनों में छपवाना संभव है? क्या उसके लिए आवश्यक संरचनाएं मौजूद हैं? डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर ने बताया कि कमिशन डिजीटली प्रत्येक वोटर का फॉर्म बनाकर भेज देगी।
जिला चुनाव अधिकारियों को 'सर' को लेकर चुनाव आयोग की कठोर मनोभाव के बारे में समझाते हुए उन्होंने बिहार में हुए अनुभव भी साझा किए। उनका कहना था कि बिहार में कुछ अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं निभाई थी, जिस वजह से उन्हें आयोग की तरफ से सजा भी दी गयी। इस मामले में किसी को छूट नहीं दी जा रही है। बंगाल में ऐसा कुछ न हो, इस तरफ खास ध्यान रखने की सलाह ज्ञानेश ने दी।
उन्होंने कहा कि बिहार में हम किस प्रकार से 'सर' को लागू किया है, उसे आप अच्छी तरह से देख व समझ लें। बैठक की शुरुआत में ही उन्होंने बिहार के 'सर' से जुड़ी सभी जानकारियां व तथ्य बारीकी से पेश की। बताया जाता है कि बंगाल में 'सर' को लागू करने के लिए चल रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार की रात को ही डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर ज्ञानेश भारती, कमिश्नर डीजी (आईटी) सीमा खन्ना, सचिव एसबी जोशी और उपसचिव अभिनव अगरवाल कोलकाता पहुंच गए थे।
सीईओ के ऑफिस में बैठक के बाद शाम को राजारहाट जिला परिषद ऑडिटोरियम में डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर ने राजारहाट-न्यू टाउन व राजारहाट-गोपालपुर विधानसभा केंद्र में चुनाव कार्यों से जुड़े सभी अधिकारियों व बीएलओ के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि सिर्फ निर्धारित प्रमाणपत्रों के आधार पर ही वोटर लिस्ट में नामों को जोड़ना होगा।
देर शाम को बारासात में उत्तर 24 परगना जिलाधिकारी के ऑफिस में उस जिले की 33 विधानसभा केंद्रों के ईआरओ व जिला चुनाव अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ज्ञानेश भारती ने बताया कि राज्य में जल्द ही 'सर' लागू होगा। इसे लेकर सारी तैयारियां की जा रही हैं। इस बैठक में राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मनोज अगरवाल और उत्तर 24 परगना जिले के जिलाधिकारी शरद कुमार द्वीवेदी भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार डेप्यूटी चुनाव कमिश्नर की गाड़ी जब राजारहाट जिला परिषद के ऑडिटोरियम में प्रवेश कर रही थी, तब कुछ ग्रामीण काले रंग के प्लेकार्ड लेकर खड़े थे। जिसपर लिखा था - हम सब भारतीय हैं। कृपया हमारा नाम मत हटाइएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये सभी लोग मुख्य रूप से जांगड़ा हटियारा-2 ग्राम पंचायत के गौरांगनगर के मतुआ सम्प्रदाय से हैं। बताया जाता है कि उनके साथ कुछ स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता भी थे। प्रदर्शनकारी विनय मंडल और अनिल बागची ने कहा कि उनके पास आधार और वोटर कार्ड तो हैं, लेकिन उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उनका नाम सूची से न हटाया जाए।
वहीं बारासात में बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले, तृणमूल प्रभावित मतुआ संगठन के सदस्यों ने जिलाधिकारी के कार्यालय से सटे इलाके में 'सर' के खिलाफ एक विरोध रैली आयोजित की।