समाचार एई समय, दुर्गापुर: दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार के मामले में बिखरी हुई कड़ियों की जोड़ने की कोशिश की जा रही है। मामले की जांच कर रहे अधिकारी बहुत बारिकी से तहकीकात कर रहे हैं।
शुरू से ही संदेह किया जा रहा था कि वे कॉलेज के दक्षिणी गेट के पास खाना खाने गए थे या किसी और वजह से। जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि दुर्गापुर स्थित आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दक्षिणी गेट के बाहर दो किलोमीटर के दायरे में कोई खाने-पीने की दुकान है ही नहीं।
शुक्रवार 10 अक्टूबर की रात लगभग 8 बजे निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा अपने सहपाठी के साथ परिसर से बाहर निकलने के बाद कथित तौर पर बलात्कार की शिकार हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मंगलवार की रात पीड़िता के सहपाठी वासिफ अली की गिरफ्तारी के बाद जांचकर्ताओं को पता चला कि दोनों मेडिकल स्टूडेंट उस रात कॉलेज के दक्षिणी गेट से निकलकर परनगंज काली मंदिर और श्मशान घाट के पास जंगल में चले गए थे और दोनों के बीच अंतरंग संबंध बने। कुछ देर बाद जंगल में नशे में धुत तीन युवकों ने उन्हें घेर लिया।
पीड़िता और वासिफ ने भागने की कोशिश की। वासिफ भाग कर कॉलेज परिसर पहुंच गया लेकिन तीनों युवकों ने भागते हुए उसकी प्रेमिका को पकड़ लिया। उनमें से एक ने युवती के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया। साथ ही आरोप है कि उन्होंने युवती का मोबाइल फोन भी छीन लिया और पैसे की मांग की।
पुलिस के मुताबिक वासिफ ने बताया जब उसकी प्रेमिका के साथ बलात्कार हुआ तब वह घटनास्थल पर नहीं था। वह उससे पहले ही वहां से भाग गया था। हालांकि पुलिस उसके बयान की सच्चाई की जांच कर रही है। वासिफ का दावा है कि भागने और परिसर में प्रवेश करने के बाद भी वह डर के मारे छात्रावास नहीं जा सका और परिसर के अंदर दक्षिणी द्वार के आसपास घूम रहा था।
वासिफ ने बताया कि उसे बाद में पता चला कि बलात्कार के कारण उसकी प्रेमिका के गुप्तांगों से रक्तस्राव शुरू होने पर तीनों युवक पीड़ित युवती को जंगल में छोड़कर भाग गए। कुछ ही देर में दो और युवक जंगल में शराब पीने के लिए घुस आए। उन्हें असहाय छात्रा ने पूरी घटना बतायी।
पीड़िता से वासिफ का मोबाइल नंबर लेने के बाद उन युवकों नेवासिफ को फोन किया और छात्रा को ले जाने को कहा। वासिफ ने उनसे कहा कि उसे दोबारा जंगल में जाने में डर लग रहा है। फिर दोनों युवक पीड़िता को जंगल से बाहर सड़क पर ले आए। फोन आने के बाद वासिफ परिसर से बाहर निकल आया और सड़क पर इंतजार करने लगा जहां दोनों युवकों ने पीड़ित लड़की को वासिफ को सौंप दिया।
कॉलेज परिसर में प्रवेश करने के बाद वासिफ और उसकी प्रेमिका अपने छात्रावास वापस चले गए लेकिन छात्रा का रक्तस्राव बंद नहीं हुआ था। इसलिए वह कॉलेज अस्पताल गयी। एक डॉक्टर द्वारा उसकी जांच करने के बाद उन्हें पता चला कि मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार हुआ है। डॉक्टर ने पीड़िता से बात करने के बाद अस्पताल के अधिकारियों को सूचित किया। शुक्रवार की रात1:05 बजे आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारियों ने दुर्गापुर पुलिस स्टेशन को फोन करके घटना की सूचना दी। देर रात3:38 बजे मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने न्यू टाउनशिप पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
लेकिन बिजरा गांव के उन दोनों युवकों को भी क्यों गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने उस रात पीड़िता को बचाया था? जांचकर्ताओं के एक सूत्र का तर्क है कि उन्होंने घटनास्थल से सिर्फ वासिफ के मोबाइल पर ही कॉल किया था, पुलिस या प्रशासन से किसी को फोन नहीं किया था। इसलिए वे संदेह से परे नहीं हैं क्योंकि उन्होंने पीड़िता को वासिफ को सौंपने के बाद भी किसी को सूचित नहीं किया।
मेडिकल के दूसरे वर्ष के छात्र वासिफ को बुधवार सुबह दुर्गापुर उपजिला न्यायालय में पेश किया गया। मालदा के कालियाचक निवासी इस युवक ने उस दिन गोल गले की टी-शर्ट, स्लेटी रंग की ट्रैक पैंट और पैरों में चप्पल पहनी हुई थी। उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और उसने चश्मा भी लगाया हुआ था। उस दिन अदालत में छात्र का बचाव करने के लिए कोई वकील खड़ा नहीं हुआ।
दुर्गापुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष देवव्रत साईं ने कहा, "पहले गिरफ्तार किए गए पांच अभियुक्तों के साथ भी यही घटना हुई थी। कोई भी वकील इस जघन्य अपराध के आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा।" गिरफ्तार छात्र के खिलाफ बलात्कार और इसी तरह के अपराध के साथ-साथ जबरन वसूली और डर दिखाकर पैसा वसूलने का मामला दर्ज किया गया है।
उप-विभागीय विधिक सेवा प्राधिकरण की वकील पूजा कुर्मी ने वासिफ की पैरवी की। अदालत के सूत्रों के अनुसार उस दिन जब छात्र का मामला दर्ज किया गया था तब न्यायाधीश ने पहले पुलिस थाने से भेजे गए दस्तावेज देखे। उसके बाद अदालत के एक कर्मचारी से पूछा कि वह बताए कि बाकी पांचों आरोपी युवकों को किस तारीख को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। इसके बाद न्यायाधीश ने वासिफ को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया।