बीरभूम के दुबराजपुर के मतदाता हैं नरेंद्र मोदी! यह सुन कर एक बार के लिए शायद आप यह सोचने लग सकते हैं कि क्या अहमदाबाद से नाम कटवाकर वह बंगाल के मतदाता बन गए हैं? या गुजरात के साथ-साथ बंगाल के भी मतदाता हैं? ऐसे सवालों का सामना कई बार करना पड़ा है दुबराजपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 13 निवासी नरेंद्र मोदी (50) को। बात यहीं खत्म नहीं होती है।
उनकी एक दीदी भी हैं जिनका नाम है ममता। हालांकि उपनाम अग्रवाल है। मतदाता सूची हाथ में मिलते ही बीरभूम के किराना व्यापारी नरेंद्र मोदी को लेकर जोरों से चर्चा शुरू हो गयी है। यह सब देखकर-सुनकर तो वे खुद भी हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते हैं।
इलाके में सभी नरेंद्र मोदी को 'मुन्ना' के नाम से जानते हैं। उसी नाम से बुलाते हैं। लेकिन बाहर किसी काम से जाने पर उनका नाम सुनते ही लोग हजारों सवाल करते हैं। हर सवाल का जवाब देते-देते अपना मुंह दबाकर हंस पड़ते हैं बंगाल के मोदी। बताया कि उनकी तीन बहनें हैं। उनमें सबसे बड़ी बहन का नाम है ममता अग्रवाल।
मूल रूप से राजस्थान के निवासी नरेंद्र मोदी का अब सब कुछ बंगाल ही है। नरेंद्र मोदी कहते हैं किघर के लोगों ने नाम रखा था नरेंद्र मोदी। तब तो हमारे प्रधानमंत्री का नाम कोई नहीं जानता था। लेकिन अब मुझे अच्छा लगता है। लोग कहते हैं, अरे नरेंद्र मोदी आ गए हैं। मेरी एक दीदी का नाम ममता अग्रवाल है। दीदी कोलकाता में रहती है। हम भाई-बहनों का रिश्ता भी बहुत अच्छा है।
नरेंद्र मोदी की दुकान में काम करते हैं दिव्येंदु रजक। उनका कहना है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री और मेरे बाबू का नाम एक ही है। अच्छा लगता है। हम तो कभी-कभी मजाक में कहते हैं, हमारे प्रधानमंत्री आ गए हैं।
स्थानीय भाजपा, तृणमूल भी इस बात चुटकियां लेते हैं। भाजपा नेता सत्यप्रकाश तिवारी, दुबराजपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष स्वरूप आचार्य ने इस बात को बड़ा ही मजाकिया माना। सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है कि दरअसल, हम नरेन को नाम से जानते थे। मतदाता सूची देखकर पता चला उनका नाम नरेंद्र मोदी है। हमारे पड़ोसी, भाई जैसे एक व्यक्ति का नाम नरेंद्र मोदी सुनकर काफी मजा आया। फिर उनकी एक बहन का नाम ममता। एक घर में ममता, नरेन हमें मिला।
दूसरी ओर दुबराजपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष स्वरूप आचार्य कहते हैं कि नरेंद्र मोदी नाम। उसके ऊपर फिर दीदी का नाम ममता। लेकिन यह बिल्कुल संयोग की बात है।