बांकुड़ा के ओंदा हाई स्कूल के छात्र का वीडियो सोशल मीडिया पर देखकर परिजनों के हाथ-पांव ही फूलने लग गए। इस वीडियो में 7वीं के एक छात्र को कक्षा में बुरी तरह से पीटते हुए दिखाया गया है। आरोप है कि छात्र को इतना मारा गया है कि उसकी नाक से खून बहने लगा था। इस घटना के सामने आते ही स्कूल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठाया जाने लगा है।
अभिभावक पूछ रहे हैं कि आखिर स्कूल परिसर के अंदर इतनी बड़ी घटना घटी कैसे? वहीं प्रधान शिक्षिका फाल्गुनी मंडल का कहना है कि उस समय (घटना के समय) उन्हें किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। बाद में जब उन्हें घटना की जानकारी मिली तो उन्हें परिचालन कमेटी की बैठक बुलायी।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना पिछले मंगलवार की है। कक्षा 7वीं का छात्र स्कूल से लौटने के बाद सुस्त महसूस कर रहा था। रात में घर पर उसने बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है लेकिन असलियत में उसके साथ क्या घटी थी इस बारे में काफी बाद में पता चला। उक्त छात्र के चचेरे भाई ने दावा किया कि किसी लड़की को कुछ कहने की बात से ही इस समस्या की शुरुआत हुई थी।
आरोप है कि कक्षा 8वीं के छात्रों के एक समूह ने 7वीं के इस छात्र को घेर लिया। आरोप है कि क्लासरूम का दरवाजा बंद कर उसे बुरी तरह से पीटा गया। घर लौटने के बाद जब छात्र बीमार पड़ गया तो उसे ओंदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी उसका वहीं इलाज चल रहा है।
स्कूल का दावा
प्रधान शिक्षिका फाल्गुनी मंडल का दावा है कि हम हमेशा निगरानी करते हैं। असल में यह बच्चों के बीच की लड़ाई है। 8वीं कक्षा के बच्चों ने 7वीं कक्षा के बच्चे को पीटा। बाहर के किसी बात को लेकर स्कूल में परेशानी हुई है। मैं 10:30 बजे स्कूल आई थी। मैंने वीडियो में देखा, बहुत सारे लड़के थे। हमें किसी ने कुछ नहीं बताया। 7वीं कक्षा के बच्चे ने भी उस दिन परीक्षा दी थी। उसने पहले अपने घरवालों को नहीं बताया। रात में जब उसकी तबीयत खराब हुई तो उसने उन्हें बताया। उन्होंने कहा कि परिजनों को बुलाया गया है।
वहीं परिजनों का सवाल है कि इतनी बड़ी घटना घटने पर स्कूल प्रबंधन परिजनों को जिम्मेदारी लेने के लिए बुला सकते हैं? एक अभिभावक का कहना है कि हो सकती है कि पहले कोई समस्या रही हो। लेकिन यह कहना और स्कूल में इस तरह पीटना, इसे कैसे स्वीकार कर लिया जाए। स्कूलों में ऐसी संस्कृति नहीं चलती है। क्या शिक्षकों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? क्या किसी ने इतनी बड़ी घटना पर ध्यान नहीं दिया? कुछ भी हो सकता था। अगर उन्होंने थोड़ी देर और पीटा होता तो वह मर सकता था। हम अपने बच्चों को स्कूल किसके भरोसे पर भेजे?