बीरभूमः पूरे छह महीने बाद सोनाली खातून भारत वापस लौटी हैंं। बीरभूम के पाइकर की रहने वाली सोनाली खातून को जून के तीसरे हफ्ते में दिल्ली के रोहिणी स्लम से जबरन पकड़कर बांग्लादेश भेज दिया गया था। छह महीनों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नौ महीने की गर्भवती सोनाली आखिरकार 5 दिसंबर, शुक्रवार को भारत लौट आईं। वापस आने के बाद उनकी सेहत की जांच के लिए उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। चार दिनों तक उपचार करने के बाद बुधवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वे अपने घर दर्जीपाड़ा लौट आईं। हालांकि इतनी बड़ी जद्दोजहद के बाद घर लौटने के बावजूद सोनाली अभी पूरी तरह निश्चिंत नहीं हैं। इसकी वजह ये कि उनके साथ उनका आठ साल का बेटा साबिर तो वापस आ गया है लेकिन उनके पति दानिश शेख, पाइकर की ही युवती स्वीटी और उसके दो बच्चे इमाम और कुर्बान अभी भी बांग्लादेश में ही फंसे हुए हैं। सोनाली की सबसे बड़ी इच्छा है कि उनका पूरा परिवार जल्द से जल्द अपने देश लौट आए।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार सोनाली की हालत फिलहाल स्थिर है और उनका बेटा साबिर भी बिल्कुल ठीक है। गौरतलब है कि पिछले साल मई में प्रशासन ने घुसपैठ के शक में सोनाली और उसके परिवार को बांग्लादेश भेज दिया था। इस बीच सोनाली के पिता भादू शेख ने दावा किया था कि उनकी बेटी तो बंगाल में ही पैदा हुई थी, इसलिए उसे बांग्लादेश भेजने का कोई औचित्य नहीं था। यह मामला बड़ा विवाद बना और राज्य के माइग्रेंट वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन और तृणमूल के राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम भी उन परिवारों के समर्थन में खड़े हुए जिन्हें वापस भेजा गया था। यह मुद्दा कलकत्ता हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जिसके बाद सोनाली को भारत लौटने की अनुमति मिली। अब सोनाली यही चाहती हैं कि उनके पति और बाकी परिवारजन भी जल्द अपने घर, अपने देश लौट सकें।