फिर से डॉक्टर की मौत और वह भी आरजी कर अस्पताल में ही कार्यरत डॉक्टर। मृतक का नाम शुभजीत आचार्य (37) बताया जाता है जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बालरोग विशेषज्ञ के तौर पर कार्यरत थे। डॉक्टर की मौत का मामला सामने आने के बाद से एक बार फिर से आरजी कर अस्पताल चर्चाओं में छा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मध्यमग्राम के शिशिरकुंज निवासी शुभजीत रविवार की रात को अचानक बीमार पड़ गए। उन्हें तुरंत बारासात के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ. आचार्य की मौत कैसे हुई है, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने एक साथ कई नींद की दवाई खा ली थी। प्राथमिक तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी वजह से उनकी मौत हुई होगी। हालांकि मौत का सटीक कारण जानने के लिए बारासात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। परिवार की ओर दावा किया जा रहा है कि हाल ही में अस्पताल में ड्यूटी का दबाव काफी बढ़ गया था। सीनियर डॉक्टर होने के नाते काम के दबाव को लेकर मानसिक रूप से भी वह काफी तनावग्रस्त थे।
इसके साथ ही वह विभिन्न जगहों पर खुद के चेम्बर में मरीजों का इलाज भी किया करते थे। ऐसे में अचानक उन्होंने क्यों अपनी जान ले ली, यह स्पष्ट नहीं है। शुभजीत के पिता श्यामल कुमार आचार्य का दावा है कि कोई पारिवारिक समस्या नहीं थी। कार्यक्षेत्र में सीनियर डॉक्टर होने की वजह से उन पर काम का दबाव बहुत ज्यादा था।
श्यामल कुमार का कहना है, 'वह बहू के साथ ही रहता था। कल उसने मुझे फोन भी किया था। पूछा, बाबा आप कैसे हैं? कुछ शारीरिक समस्याएं हो रही थी। उससे बताया तो उसने एक दवा बता दी। आज क्या से क्या हो गया। कुछ तो बात थी। वरना कोई ऐसा कैसे कर सकता है। लेकिन कुछ समझ में नहीं आ रहा है।'
शुभजीत की मौत से उसके चाचा भी टूट गए हैं। उनकी समझ में भी नहीं आ रहा है कि आखिर शुभजीत आचार्य ने यह कदम क्यों उठा लिया। शुभजीत के चाचा का कहना है कि यह घटना क्यों घट गयी, मैं सोच ही नहीं पा रहा हूं। लेकिन अस्पताल में काम का बहुत ज्यादा दबाव था। वह सीनियर डॉक्टर था, इसलिए हमेशा काम के दबाव में ही रहता था। इस घटना के सामने आने के बाद से पूरे इलाके में शोक छाया हुआ है। मामले की जांच बारासात थाना की पुलिस कर रही है।