एई समय,सिलीगुड़ी। अमिताभ बच्चन पुल पर घोड़े पर सवार हैं। सिर पर बड़ी सी टोपी। खलनायक अमजद खान अपने दो साथियों के साथ उल्टी तरफ से जीप लेकर आता दिख रहा है। पुल पर नायक और खलनायक आमने-सामने! इसके बाद शुरू होते हैं तीखे संवाद।
बंगाली फिल्म 'अनुसंधान' (हिंदी में 'बरसात की एक रात') का यह दृश्य जिसने कभी रुपहले पर्दे को झकझोर कर रख दिया था, आज भी सिने प्रेमियों के जहन में उसकी यादें ताजा हैं। 1981 में बनी इस फिल्म का वह दृश्य आज भी याद है।शनिवार रात हुई भारी बारिश के कारण बालासन नदी पर बना वहदुधिया पुल ढह गया।नदी किनारे बसे कई घर भी पानी में डूब गए।सबसे अहम बात यह है कि इस पुल के ढहने से सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच आवागमन का सबसे लोकप्रिय रास्ते से संपर्क टूट गया है।
'अनुसंधान' के सुपरहिट होने के बाद यह पुल भी धीरे-धीरे पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो गया। धीरे-धीरे, दुधिया बेली ब्रिज से सटा इलाका सर्दियों में उत्तर बंगाल के लोगों के लिए पिकनिक स्थल बन गया। इस तरह से कभी गुमनाम रहा यह छोटा सा पहाड़ी गांव धीरे-धीरे एक कस्बे में बदल गया। न केवल स्थानीय लोग बल्कि पर्यटक भी दुधिया की प्राकृतिक सुंदरता के दीवाने हो गए। चाय के बागानों और पहाड़ों पर बसे इस गांव की खूबसूरती देखते ही बनती थी।
पास ही मिरिक है। झीलों और पहाड़ों से घिरा यह अनोखा आकर्षण है। यह बेली ब्रिज सिलीगुड़ी से मिरिक जाने वाली सड़कों में से एक था। इसके अलावा, सिलीगुड़ी से मिरिक जाने के लिए कई सड़कें हैं।
आप बेलगाछी चाय बागानों से होते हुए पानीघाटा-पुटुंग होते हुए मिरिक जा सकते हैं। हालांकि उस सड़क पर चढ़ाई खतरनाक है। आप कुर्सियांग से बांकुलुंग होते हुए भी मिरिक जा सकते हैं लेकिन वह सड़क बहुत सुनसान है। घूम से सुखिया पोखरी जाने वाला रास्ता लंबा चक्कर लगाने वाला है। जाने का सबसे आसान रास्ता इसी बेली ब्रिज से होकर जाता था। नतीजतन दुधिया ब्रिज के ढहने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
दार्जिलिंग की जिलाधिकारी प्रीति गोयल और सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब रविवार सुबह घटनास्थल पर गए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। पुल की मरम्मत कैसे की जाए इस पर लंबी चर्चा हुई। मेयर ने कहा कि फिलहाल इंजीनियर यातायात शुरू करने के लिए ह्यूम पाइप लगाने पर विचार कर रहे हैं। हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्योंकि यह एक तकनीकी मामला है। इंजीनियर ही अंतिम निर्णय लेंगे। प्रभावित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है।
स्थानीय निवासीयोंको इस पुल के टूटने का दुख है। पर्यटक दुधिया में इस पुल के पास अपनी गाड़ियांं रोकते हैं। घूमने के बाद वे चाय पीते हैं और फिर मिरिक या सिलीगुड़ी की ओर चल पड़ते हैं। यह निश्चित नहीं है कि पर्यटक इस ओर फिर कब आएंगे। क्षेत्रीय जीटीए अधिकारी कल्पना प्रधान ने कहा कि दुधिया बेली ब्रिज का स्थानीय लोगों के लिए बहुत महत्व है। मैं जीटीए प्रमुख से अनुरोध करूंगी कि वे इस पुल की जल्द मरम्मत सुनिश्चित करें।