अस्पताल के शवगृह से 'अदला-बदली' हो गए शव, पुलिस की लापरवाही ? मृतकों के दोनों परिवारों में गुस्सा

By देवदीप चक्रवर्ती, Posted by:लखन भारती

Oct 25, 2025 23:53 IST

शवगृह से 'अदला-बदली' हो गए शव। अलीपुरद्वार जिला अस्पताल में सनसनीखेज घटना। अलीपुरद्वार के दो लोगों की दो असामान्य मृत्यु की घटनाओं में दो लोगों के शवों के पोस्टमार्टम के बाद चरम भ्रम की स्थिति बनी। दो परिवारों के सदस्य क्षुब्ध हैं। पुलिश ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।

आरोप है कि शोकाकुल परिवारों की नजर बचाकर अलीपुरद्वार जिला अस्पताल के शवगृह से दो शवों की अदला-बदली हो गई। पहले यह मामला जिले के कुमारग्राम ब्लॉक के कामाख्यागुड़ी सुपर मार्केट इलाके में सामने आया। क्योंकि उस इलाके के निवासी पेशे से होटल कर्मचारी रबींद्र दास (45) का लटका हुआ शव शामुकतला थाने के तेंतुल तला के एक ढाबे से बरामद हुआ था। रबींद्र दास उसी ढाबे में काम करते थे। शनिवार सुबह उस शव को बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए अलीपुरद्वार जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन पोस्टमार्टम के बाद जब उनका शव कामाख्यागुड़ी के घर पहुंचा, तभी हंगामा शुरू हो गया। परिवार का दावा है कि यह शव रबींद्र दास का नहीं है। आरोप सामने आते ही पुलिस मुश्किल में पड़ गई।

दूसरी ओर, शनिवार सुबह फालाकाटा शहर के 7 नंबर वार्ड के कॉलेजपाड़ा में अपनी रसोई से स्थानीय निवासी गणेश दास (45) का शव बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए अलीपुरद्वार जिला अस्पताल भेजा गया। गणेश के शव के साथ उनके भाई और दो अन्य नजदीकी रिश्तेदार गए। कुछ दिन पहले गणेश की पत्नी की मृत्यु हो जाने से उनका कोई खास नहीं था। दो छोटे बच्चे सरकारी होम में रहते हैं। वह दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते थे।

पोस्टमार्टम के बाद लोग ज्यादा नहीं होने से, उस शव को फालाकाटा वापस न ले जाकर अलीपुरद्वार श्मशान में दाह करके फालाकाटा के घर वापस आ गए गणेश के भाई कार्तिक दास। इससे जटिलता चरम पर पहुंच गई। हालांकि परिवार के आपत्ति जताने पर पुलिश ने काफी समझा-बुझाकर रबींद्र दास के घर से शव को अलीपुरद्वार जिला अस्पताल के मॉर्ग में वापस लाने में सफलता पाई लेकिन वास्तव में तब तक गणेश दास समझकर रबींद्र दास का शव नजर बचाकर दाह कर दिया गया था। अब उनका शव वापस करना पुलिस के लिए संभव नहीं है, यह समझकर जिले के पुलिस अधिकारी परेशानी में पड़ गए।

रबींद्र दास के बेटे खोकन दास ने आरोप लगाया, 'अब तो लग रहा है कि मेरे पिता को योजनाबद्ध तरीके से मारकर सबूत मिटाने के लिए उनका शव गायब कर दिया गया है। जानबूझकर शव की अदला-बदली की गई है। मेरे पिता का शव किसी भी कीमत पर वापस चाहिए।' दूसरी ओर गणेश दास के भाई कार्तिक दास ने कहा, 'वैसे ही मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हमारे पास लोग नहीं हैं। इसलिए हमने शव को किसी तरह अलीपुरद्वार के शोभागंज के श्मशान में दाह करके चले आए। यह कि वह दादा का शव नहीं था, हम समझ नहीं पाए। मॉर्ग से जो हमें समझाया गया, हमने उसी तरह शव का अंतिम संस्कार किया।'

रबींद्र दास के बेटे खोकन दास ने आरोप लगाया, 'अब तो लग रहा है कि मेरे पिता को योजनाबद्ध तरीके से मारकर सबूत मिटाने के लिए उनका शव गायब कर दिया गया है। जानबूझकर शव की अदला-बदली की गई है। मेरे पिता का शव किसी भी कीमत पर वापस चाहिए।' दूसरी ओर गणेश दास के भाई कार्तिक दास ने कहा, 'वैसे ही मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हमारे पास लोग नहीं हैं। इसलिए हमने शव को किसी तरह अलीपुरद्वार के शोभागंज के श्मशान में दाह करके चले आए। यह कि वह दादा का शव नहीं था, हम समझ नहीं पाए। मॉर्ग से जो हमें समझाया गया, हमने उसी तरह शव का अंतिम संस्कार किया।'

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