SIR के लिए छपेंगे करोड़ों फॉर्म, मुनाफे की उम्मीद से प्रिंटिंग प्रेस मालिकों में उत्साह

प्रेस मालिक धूल फांक रही मशीनों को झाड़ पोंछ कर, तेल व ग्रीस लगाकर चालू कर रहे हैं।

By प्रशांत घोष, Posted by: श्वेता सिंह

Oct 15, 2025 18:23 IST

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर काफी बहस और चर्चा हो रही है। इस बात पर भी राजनीतिक बहस चल रही है कि SIR लागू होने पर लोगों के लिए अच्छा होगा या बुरा। SIR प्रक्रिया पर कब से काम शुरू होगा इस बारे में अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।

हालांकि प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को समझ आ गया है कि इस योजना को लागू करने के लिए करोड़ों फॉर्म छापने होंगे। चुनाव आयोग ने बताया है कि फॉर्म जिला स्तर पर छपवाने होंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी यानी जिलाधिकारी को इसकी व्यवस्था करनी होगी। इसलिए डिजिटलीकरण के जमाने में प्रिंटिंग के काम में कमी आने से अब तक व्यापार में घाटे की वजह से परेशान प्रिंटिंग प्रेस मालिक अब प्रेस की मशीनरी की धूल झाड़कर उसकी साफ सफाई और मशीनों को तेल-ग्रीस लगाकर ठीक करने में जुट गये हैं।

सवाल यह हो सकता है कि प्रेस के साथ SIR का क्या रिश्ता है? हालांकि SIR की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है लेकिन प्रशासनिक हलकों में हलचल शुरू हो गई है। SIR के लिए हर मतदाता के नाम के साथ दो फॉर्म (अनुलग्नक-सी) छपवाए जाएंगे। ये फॉर्म ईआरओ नेट पोर्टल के जरिए घर-घर भेजे जाएंगे। मान लीजिए- भानगढ़ विधानसभा। यहां कुल मतदाता 2 लाख 91 हजार हैं।

इस एक विधानसभा के लिए लगभग 5 लाख 82 हजार फॉर्म छपवाने होंगे। इनमें से हर फॉर्म में दो पन्ने हैं। एक विधानसभा के लिए कुल 11 लाख 64 हजार पन्ने छपवाने होंगे। पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 63 लाख 96 हजार 165 है। पूरे राज्य के लिए कम से कम 15 करोड़ फॉर्म छपवाने होंगे। नतीजतन शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह प्रिंटिंग प्रेस के काम में तेजी आएगी।

चूंकि प्रत्येक फॉर्म में प्रत्येक मतदाता का नाम, पिता का नाम, पता, बूथ संख्या और वोटर कार्ड नंबर होता है इसलिए अलग-अलग फॉर्म प्रिंट करना एक बड़ी परेशानी होगी। अगर संबंधित मतदाता का नाम 2002 की मतदाता सूची में है तो उसका भी उल्लेख करना होगा। इसी वजह से सिर्फ प्रेस पर निर्भर रहने के बजाय प्रशासनिक हलकों में प्रिंटर ठीक करवाने या नए प्रिंटर खरीदने की होड़ मची हुई है।

भांगड़-2 ब्लॉक के बीडीओ पार्थ बनर्जी ने बताया, "हमारे ब्लॉक में पांच स्वचालित प्रिंटिंग मशीनें और दो जंबो फोटोकॉपी मशीनें हैं। इनकी मदद से रोजाना 45,000 ए-4 शीट प्रिंट करना संभव है। अगर हमें इससे ज्यादा प्रिंट करना हो तो हमें प्रिंटिंग प्रेस पर निर्भर रहना पड़ता है।"

राजेश अली मोल्लाह का भानगढ़ बाज़ार में एक प्रिंटिंग प्रेस है। उन्होंने बताया, "मैं साल भर ब्लॉक प्रशासन के सभी फॉर्म छापता हूं। मैंने ऑफसेट प्रिंटिंग मशीन की सर्विसिंग करवा ली है क्योंकि मुझे SIR के लिए लाखों फॉर्म छापने हैं।" कॉलेज स्ट्रीट स्थित इस प्रकाशन से जुड़े शुभंकर सरकार ने बताया, "प्रशासन के अधिकारियों ने हमसे संपर्क कर लिया है ताकि ऑर्डर मिलते ही तुरंत छपाई की जा सके। हम भी इसी तरह तैयारी कर रहे हैं।"

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