पश्चिम वर्धमान के आसनसोल नगर निगम के वार्ड नंबर 59 की एक बहुमंजिला इमारतों वाले हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में SIR का फॉर्म वितरित करने पहुंची थी बीएलओ चैताली चौधरी। लेकिन प्रत्येक फ्लोर पर जाकर फॉर्म देने से उन्होंने इनकार करते हुए कॉम्प्लेक्स में रहने वाले लोगों से नीचे आकर उनसे फॉर्म लेकर जाने के लिए कहा। ऐसी ही तस्वीर दुर्गापुर के एमएएमसी टाउनशीप के बी-1 इलाके की भी बतायी जाती है। वहां बसस्टैंड पर बैठकर फॉर्म वितरित करने का आरोप लगा है।
पूर्व वर्धमान के मंगलकोट विधानसभा केंद्र के बूथ नंबर 17 के बीएलओ अनुपम राय पर सत्ताधारी पार्टी तृणमूल के सहायता केंद्र से SIR का फॉर्म वितरित करने का (समाचार एई समय ने इसकी जांच नहीं की है) आरोप लगा है। इस मामले की जांच करने का आश्वासन बीडीओ अनमित्र सोम ने दिया है।
मुर्शिदाबाद के भगवानगोला -1 नंबर ब्लॉक के 70 नंबर बूथ के बीएलओ मो. सोहेल हुसैन पर आरोप लगा है कि बीडीओ ऑफिस से फॉर्म लेकर वह सीधा तृणणूल वार्ड सभापति मणिरुल इस्लाम के घर चले गए थे। आरोप है कि विरोधी बीएलए द्वारा इसका विरोध करने पर भी वह नहीं माने।
बुधवार को एन्यूमेरेशन फॉर्म वितरण का दूसरा दिन था और राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बीएलओ के खिलाफ इस तरह के कई आरोप सामने आए हैं। चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की रात 8 बजे तक 1 करोड़ 10 लाख से अधिक फॉर्म वितरित हो चुके हैं। हालांकि उसके बाद भी फॉर्म वितरण का काम जारी था, इसलिए इस संख्या के और बढ़ने की संभावना भी जतायी गयी है। चुनाव आयोग का दावा है कि फॉर्म वितरण के पहले दिन जिन समस्याओं का सामना बीएलओ को करना पड़ा था, दूसरे दिन सभी समस्याओं का समाधान कर दिया गया है।
हालांकि सरकारी तौर पर बीएलओ के लिए ऑनड्यूटी का कोई आदेश बुधवार को भी जारी नहीं हुआ था। हालांकि सीईओ ऑफिस से सभी बीएलओ को स्पष्ट कर दिया गया है कि 4 दिसंबर तक जितने दिन एन्यूमेरेशन फॉर्म वितरण और फिर इकट्ठा करने का काम करेंगे, उसे 'फुल टाइम' ड्यूटी के तौर पर ही गिना जाएगा। इन दिनों में संबंधित कार्यस्थलों पर अनुपस्थिति के लिए संबंधित इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) सर्टिफाई भी कर देंगे। साथ ही प्रशासन से भी चुनाव आयोग बात करेगी ताकि कर्मचारी की छुट्टी न कटे।
सीईओ ऑफिस से मिले इस संदेश के बाद बीएलओ को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन उनके क्षेत्रों के सभी मतदाताओं तक SIR का फॉर्म बुधवार को भी नहीं पहुंच पाया है। आयोग का कहना है कि जल्द ही यह सभी तक पहुंचा दिए जाएंगे। पहले दिन फिर से शिकायतें आईं कि बीएलओ कुछ घरों में गए तो जहां लोगों ने घरों के दरवाजे नहीं खोले, लेकिन सूत्रों का दावा है कि यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है।
विपक्षी पार्टियों ने कई बीएलओ के खिलाफ राजनीतिक संलिपत्ता का आरोप भी लगाया। कुछ मामलों में शिकायतें सीधे सीईओ ऑफिस, कहीं संबंधित ईआरओ या जिला चुनाव अधिकारी के कार्यालय में भेजी गयी है। आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सीईओ कार्यालय की ओर जिला चुनाव अधिकारियों या ईआरओ से प्रत्येक घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट में आरोपों की सत्यता जांचने की बात कही गयी है। पश्चिम मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बर्दवान, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के जिला चुनाव अधिकारियों को इस बाबत पत्र भेजे गए हैं।
यह भी आरोप लगाया गया है कि कई स्थानों पर बीएलओ के बजाय राजनीतिक पार्टी के एजेंटों द्वारा फॉर्म वितरित किया गया है। सीईओ ने जिलाधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर ऐसी घटनाएं घटती हैं, तो आयोग दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगा। बीएलओ के व्हाट्सएप ग्रुप में निर्देश दिया गया है कि वे अनिवार्य रूप से हर घर में जरूर जाएं।
उत्तर बंगाल के चाय बागान क्षेत्रों में बीएलओ को थोड़ी अलग समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चाय बागान श्रमिक सुबह 7 बजे काम पर आते हैं और दोपहर में लौटते हैं। इस वजह से बीएलओ को शाम को श्रमिकों के घरों पर जाना पड़ता है। जंगल से सटे बागानों में हाथियों और तेंदुओं का खतरा बना रहता है। इन क्षेत्रों के बीएलओ ने तेज जलने वाले मशालों और वन्य कर्मियों की पहरेदारी जैसे मांग की है।