विधानसभा में विरोधी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी (Shuvendu Adhikari) ने राज्य पुलिस रिक्रुटमेंट बोर्ड की लिखित नियुक्ति परीक्षा में बड़ी धांधली होने का आरोप लगाया है। शुभेंदु का आरोप है कि पश्चिम बंगाल के लाखों अभ्यर्थी रविवार को इस परीक्षा में बैठे तो थे लेकिन ओएमआर शीट, ओएमआर शीट के कार्बन कॉपी में सीरियल नंबर नहीं था। उनका आरोप है कि ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी भी परीक्षार्थियों को नहीं दिया गया था।
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2026 की विधानसभा चुनावों से पहले रुपए के बदले में नियुक्ति की जा रही है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु अधिकारी के इन आरोपों का खंडन किया है। तृणमूल ने पलटवार करते हुए कहा कि इस साल SSC की जो परीक्षा हुई थी, उसको लेकर भी उन्होंने झूठी अफवाह फैलायी थी।
भाजपा के प्रदेश ऑफिस में सोमवार को हुई एक बैठक के दौरान एक ओएमआर शीट (जिसकी सत्यता की जांच समाचार एई समय ने नहीं की है) दिखाते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, 'जो परीक्षा हुई थी, उसका ओएमआर शीट के कार्बन कॉपी में सीरियल नंबर नहीं था। शीट का कार्बन कॉपी ही अभ्यर्थी को नहीं दिया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी तरह की धांधली हुआ तो अभ्यर्थी के पास कोई सबूत नहीं रहेगा।'
अधिकारी ने आगे कहा कि शीट में सीरियल नंबर नहीं है, इसका मतलब है कि उसे किसी भी समय बदला जा सकता है। कार्बन कॉपी बोर्ड के हाथों में क्यों रहेगा? यह तो परीक्षार्थियों के पास रहना चाहिए। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि रविवार को लाखों अभ्यर्थियों ने पुलिस की नियुक्ति के लिए परीक्षा तो दी लेकिन इसमें बड़ी धांधली हुई है।
कॉपियों की अदला-बदली करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पार्थ चटर्जी के जेल चले जाने के बावजूद इन्हें सीख नहीं मिली। हालांकि तृणमूल के प्रवक्ता अरुप चक्रवर्ती ने पलटवार करते हुए कहा, 'शुभेंदु झूठी अफवाह फैलाने के आदि हैं। SSC की परीक्षा को लेकर भी झूठी अफवाह ही फैलायी थी। उन्होंने दावा किया था कि प्रश्नपत्र लीक होने के सबूत हैं। आखिरकार कुछ भी नहीं दिखा पाए थे।'
हालांकि अभ्यर्थियों ने इस बारे में अभी तक कोई हंगामा नहीं किया है। विरोधी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी का मानना है कि अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में ही बैठे रहना चाहिए था। अगर किसी परीक्षार्थी ने कोई मामला दायर किया तो उसे कानूनी सहायता देने का पूरा आश्वासन शुभेंदु अधिकारी ने दिया है।