अगर क्यूआर कोड (QR Code) स्कैन नहीं हो सका तो उस पटाखे को जब्त कर लिया जाएगा। दीवाली के समय पटाखों का बाजार लगे, उससे पहले ही पुलिस ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है। व्यवसायी पटाखों की जो सूची पुलिस के पास जमा करेंगे, उसके अलावा अगर दुकान पर कोई और पटाखा मिलता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं संबंधित पटाखा विक्रेता को भी गिरफ्तार किया जाएगा। इस साल पटाखों का बाजार 14 से 20 अक्तूबर को लगने वाला है।
हर बार की तरह इस साल भी कोलकाता में 4 जगहों पर पटाखों का बाजार लगाया जाएगा। इसलिए बुधवार को कोलकाता पुलिस की तरफ से बैठक की गयी। इसमें नियम-कानूनों के विषय में व्यापारियों को समझाया गया। हालांकि इसके बाद भी कई सवाल रह जाते हैं, जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। क्या सरकारी पटाखा बाजारों के अलावा गली-मुहल्लों की दुकानों पर जो पटाखे बिकेंगे, उनकी भी जांच की जाएगी? आरोप है कि ऐसे पटाखे अधिकांश ही गैरकानूनी होते हैं। पर्यावरणविदों का सवाल है कि इन सबके खिलाफ कौन कदम उठाएगा? अगर इन्हें न रोका गया तो कोई फायदा ही नहीं होगा।
बुधवार को कोलकाता पुलिस की तरफ से पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ऑडिटोरियम में पटाखों के बाजार को लेकर बैठक की गयी। इस दौरान कोलकाता पुलिस के उच्चाधिकारी ही उपस्थित रहे। इस बैठक में मुख्य रूप से पटाखों के बाजार में सुरक्षा को सुनिश्चित करना, पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करना और अग्निशमन व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के बारे में बात की गयी। इससे पहले 6 सितंबर को एक और बैठक डीसीपी (रिजर्व फोर्स) के ऑफिस में हुई थी जिसमें साल 2025 की पटाखों के बाजारों की पूरी रूपरेखा तैयार की गयी थी।
इस बैठक की अध्यक्षता एसीस्टेंट कमिश्नर शेखरेश नाथ ने की थी। कोलकाता पुलिस द्वारा जारी विस्तृत निर्देशिका में यह स्पष्ट बताया गया है कि पटाखों के बाजार में सिर्फ निरी (नेशनल एनवॉर्यनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) द्वारा अनुमोदित ग्रीन पटाखे, यानी जिनका क्याआर कोड स्कैन कर वैधता की जांच की जा सकती है, उन्हें ही बेचा जाएगा। बाकी सभी प्रकार के पटाखों को जब्त कर लिया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पटाखों के बाजार में प्रत्येक स्टॉल में कम से कम एक अग्निशमन यंत्र, पानी से भरी दो बाल्टी, पर्याप्त मात्रा में बालु से भरी हुई बाल्टी रखना अनिवार्य है। दुकान का शेड अग्निरोधक उपकरणों से बनाना होगा और दो दुकानों के बीच की दूरी कम से कम 3 मीटर रखना अनिवार्य है। खतरनाक रूप से दो स्टॉल आमने-सामने नहीं बनाए जा सकेंगे। एक क्लस्टर में अधिकतम 50 स्टॉल बनाने की अनुमति दी जाएगी।
बिजली के कनेक्शन को लेकर भी कड़े नियम बनाए गए हैं। सभी तारों और उनके कनेक्शन को इंसूलेटेड करना होगा। प्रत्येक विक्रेता को दमकल, सीईएससी, विद्युत विभाग और भूमि विभाग का अनुमतिपत्र को पहले जमा करना होगा। पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण परिषद संयुक्त रूप से परिदर्शन करेगी। निरी के प्रतिनिधि पटाखों के क्यूआर कोड की जांच करेंगे। पटाखों के बाजार में मैदानी इलाकों में खाना पकाना या आग जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।