कोलकाता समेत आसपास के इलाकों में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, बारिश और उमस बनी प्रमुख वजह

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस साल बारिश शुरू होने के काफी पहले से ही हमने डेंगू से मुकाबले के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर तो दिया था लेकिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।

By Moumita Bhattacharya

Oct 09, 2025 11:50 IST

समाचार एई समय : नवरात्रि के शुरुआत में ही इस साल बादल फटने की वजह से कोलकाता (Kolkata Dengue) व उपनगरीय इलाकों में भारी बारिश हुई थी। इस वजह से कई जगहों पर जमा पानी में पनपे डेंगू का संक्रमण फैलाने वाले एडिस मच्छरों का लार्वा पानी में बह गया था। लेकिन इसके बाद भी लगातार हल्की से मध्यम बारिश होते रहने और जलजमाव की वजह से एक बार फिर से जमा पानी में डेंगू के मच्छरों का लार्वा पनपने लगा है।

इस बारे में कोलकाता नगरनिगम के अधिकारियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में दुर्गा पूजा आयोजकों ने डेंगू मच्छरों को मारने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए थे। इसके साथ ही पिछले कुछ समय से महानगर कोलकाता में उमस वाली गर्मी बनी हुई है जो एडिस मच्छरों के लार्वा के पनपने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस वजह से ही दुर्गा पूजा के सम्पन्न होते ही एक बार फिर से डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है।

कहा जा सकता है कि दुर्गा पूजा के ठीक पहले से ही महानगर व आसपास के इलाकों में डेंगू का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ रहा था। कोलकाता के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके साथ ही अस्पतालों के आउटडोर में भी मरीजों की संख्या में करीब 40-70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऐसा सिर्फ कोलकाता ही नहीं बल्कि आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों की भी यहीं स्थिति है।

बताया जाता है कि इस वजह से ही सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि अधिकांश मरीजों की हालत वर्तमान में स्थितिशील तो है लेकिन डायबिटीज या उच्च रक्तचाप अथवा किसी और को-मॉर्बिटी से पीड़ित मरीजों को खास तौर पर सावधानी बरतने की सलाह डॉक्टरों ने दी है। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य रूप से सितंबर के अंत से लेकर अक्तूबर के शुरुआत में ही कोलकाता व आसपास के इलाकों में डेंगू संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

कोलकाता नगरनिगर (KMC) के कुछ वार्डों में डेंगू के नए संक्रमण सामने आ रहे हैं। सॉल्टलेक के साथ-साथ ढाकुरिया, बेहला, गड़िया, कसबा और उत्तर कोलकाता के बड़े हिस्से में डेंगू फैलने के मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य भवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त के शुरुआत में जहां कोलकाता में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 200 भी नहीं थी, वहीं सितंबर के मध्य तक यह संख्या 650 पर पहुंच गयी है। अक्तूबर के शुरुआत में डेंगू संक्रमितों की संख्या सीधे 800 पर पहुंच गयी है। बताया जाता है कि जिलों में भी यही हालत है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस साल बारिश शुरू होने के काफी पहले से ही हमने डेंगू से मुकाबले के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर तो दिया था लेकिन दूसरे वर्षों की तुलना में इस साल संक्रमण तो कम है, लेकिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य भर में डेंगू संक्रमितों की संख्या अगस्त के तीसरे सप्ताह में जहां मात्र 4000 ही थी, वहीं सितंबर के मध्य तक यह संख्या 6500 और अक्तूबर के शुरुआत तक 8500 पर पहुंच चुकी है।

इसका असर अस्पतालों पर भी पड़ रहा है। रुबि अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह के दौरान डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या में करीब 40% का इजाफा दर्ज किया गया है। अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि अधिकांश मरीज ही मध्यम बुखार से पीड़ित हैं। उनमें से कुछ को आंतरिक रक्तस्राव भी हो रहा है। हालांकि किसी की भी हालत अधिक गंभीर नहीं है। कुछ ऐसी ही स्थिति दूसरे अस्पतालों की भी है। बेल ब्यू क्लीनिक के सीईओ प्रदीप टंडन ने एई समय ऑनलाइन को बताया, 'वर्तमान में हमारे अस्पताल में डेंगू संक्रमित 7 मरीज भर्ती हैं। दो मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट चढ़ाना पड़ा है। बाकी मरीजों की हालत स्थिर है।' पियरलेस अस्पताल के सीईओ सुदीप्त मित्र ने बताया कि उनके अस्पताल में हर रोज बड़ी संख्या में बुखार और बदनदर्द की शिकायत लेकर मरीज आउटडोर में आ रहे हैं। खून की जांच के बाद पता चल रहा है कि उनमें से कई डेंगू से संक्रमित हैं।

इस बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि नालियों और गलियों में जमा पानी में ही एडिस मच्छरों का लार्वा पनप रहा है। दुर्गा पूजा से ठीक पहले मौसम में उमस और आद्रता बढ़ने की वजह से मच्छरों की संख्या भी काफी बढ़ गयी है। इस वजह से ही संक्रमण को नियंत्रित कर पाना बहुत कठिन बनता जा रहा है। केएमसी के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के हर वार्ड में मच्छरों के प्रजनन स्थल की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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