एई समय। बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने राज्य में उन मतदाताओं की पहचान करने के लिए मैपिंग शुरू कर दी है जिनके नाम 2002 के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान मतदाता सूची में थे और अभी भी वहां मौजूद हैं।
कई जिलों में 60 से 70 प्रतिशत मतदाताओं की मैचिंग सही हुई लेकिन कई जगहों पर यह दर काफी कम है। कुछ बूथों पर केवल 20 प्रतिशत मिलान हो पा रहा है। ऐसे बूथों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। चुनाव आयोग इसे लेकर चिंतित है। 'एसआईआर' लागू होने पर अगर यह पाया जाता है कि किसी मतदाता का नाम 2002 की मतदाता सूची में है तो उसे किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। जो लोग उस समय मतदाता नहीं बने थे उनके लिए अगर उनके माता-पिता का नाम नहीं है तो भी कोई समस्या नहीं है। जिन लोगों के पास ये दोनों नहीं हैं उन्हें आयोग द्वारा प्रस्तावित 11 दस्तावेजों में से कोई एक जमा करना होगा।
कुछ बूथों पर मिलान दर कम होने का कारण जानने के लिए कोलकाता दौरे पर आए उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती कल गुरुवार को पूर्व मेदिनीपुर, झाड़ग्राम और बांकुड़ा के 500 बूथों के बीएलओ के साथ कोलाघाट में बैठक करेंगे।
यह देखा गया है कि इन तीन जिलों में से अकेले बांकुड़ा में ही ऐसे 200 बूथ हैं। शेष दो जिलों में ऐसे 150-150 बूथ हैं। इन सभी बूथों पर मतदाताओं के सत्यापन की प्रक्रिया पर 'एसआईआर' के दौरान चर्चा की जाएगी।
उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती और आयोग की महानिदेशक (आईटी) सीमा खन्ना सहित चार सदस्यीय टीम मंगलवार रात कोलकाता पहुंची। आज बुधवार को वे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जिला चुनाव अधिकारियों और ईआरओ के साथ एक वर्चुअल बैठक करेंगे। हालांकि उत्तर बंगाल के अधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनसे बाद में बात की जाएगी।
इस चर्चा के एजेंडे में बीएलओ की मैपिंग, नियुक्ति और प्रशिक्षण, उनकी मदद से स्वयंसेवकों की पहचान, राज्य में मतदाता सूची में नाम शामिल करने, पता बदलने और नाम हटाने के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करना शामिल है। 'एसआईआर' से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
इस बैठक के बाद आयोग की टीम राजारहाट जिला परिषद सभागार में राजारहाट-न्यू टाउन और राजारहाट-गोपालपुर विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव कार्य में लगे सभी अधिकारियों और बीएलओ के साथ एक अलग बैठक करेगी।
इसी क्रम में राजारहाट-गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज करने के लिए ईआरओ के खिलाफ जांच की गई थी। शाम को उत्तर 24 परगना के 32 विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा होगी।