कसबा लॉ कॉलेज (Kasba Law College) में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना राज्य भर में चर्चित हुई थी। उस घटना को लगभग 4 महीने का समय बीत चुका है। घटना में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्र, जाएब अहमद और प्रमीत मुखर्जी अभी भी जेल में बंद हैं। वहीं कॉलेज के सुरक्षाकर्मी पिनाकी बंद्योपाध्याय को हाल ही में जमानत मिल गयी है। अब इस बीत पीड़िता युवती और उसके परिवार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मिली जानकारी के अनुसार दिवाली के बाद ही पीड़िता छात्रा नए कॉलेज में दाखिले को लेकर कदम उठाने वाली है।
हाल ही में संवाददाताओं से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने बताया कि वह कसबा लॉ कॉलेज प्रबंधन पर कोई भी दोषारोप नहीं करना चाहते हैं। क्योंकि उनको और उनकी बेटी को कॉलेज प्रबंधन से काफी मदद मिली है। सिर्फ कॉलेज ही नहीं बल्कि इस समय के दौरान विश्वविद्यालय से भी उन्हें काफी मदद मिली है।
पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरी बेटी अपनी लड़ाई खुद लड़ रही है। हम हर समय उसके साथ खड़े हैं। न्याय व्यवस्था पर हमारा पूरा भरोसा है। हम न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी बेटी अपनी पढ़ाई को पूरी करने के अपने फैसले को लेकर दृढ़ है।
बताया जाता है कि कसबा लॉ कॉलेज से पीड़िता छात्रा को 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' मिल चुका है। पीड़िता के पिता का कहना है, 'मेरी बेटी इस घटना से पहले तक कॉलेज के अपने सभी दोस्तों को लेकर हंसी-खुशी रहा करती थी। लेकिन बाद में सब कुछ बदल गया।'
वहीं इस मामले में कलकत्ता विश्वविद्यालय की अंतरिम उपाचार्य शांता दत्त दे का कहना है कि मैंने हाल ही में पीड़िता युवती से मुलाकात की थी। मुझे समझ में आया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने को लेकर दृढ़ है। मैंने इसे आश्वस्त किया है कि उसका परिचय गुप्त रखने के लिए विश्वविद्यालय सभी प्रकार के कदम उठाएगी। उसके कॉलेज परिवर्तन के मामले में भी पूरी तरह से गोपनियता का ध्यान रखा जाएगा।
एक अच्छा वकील बनने के अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहने के लिए शांता दत्त दे ने पीड़िता युवती को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।