अगर गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक ड्यूटी पर नहीं आए तो143 बीएलओ को निलंबित कर दिया जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी। निलंबन के अलावा आयोग उन 143 लोगों के खिलाफ विभागीय जांच भी करेगा। इस सूची में मुर्शिदाबाद, कोलकाता और कूचबिहार के बीएलओ शामिल हैं।
पिछले अप्रैल से नियुक्त कई बीएलओ ने जिम्मेदारी और प्रशिक्षण लेने से इनकार कर दिया है। आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकि ज्यादातर बीएलओ काम पर लग गए हैं लेकिन कई अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं। इस बार चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
क्या चर्चा हुई?
बुधवार को आयोग ने जिलाधिकारियों (DEO) के साथ बैठक की। इस बैठक में चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग के अधिकारियों ने आज हर जfले के डीईओ से अलग-अलग बात की। कामकाज के तरीके पर चर्चा हुई। यह बैठक तीन घंटे से ज्यादा चली। चुनाव आयोग ने डीईओ को गुरुवार तक सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक पूरी करने का निर्देश दिया है। इस बैठक में चुनाव कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराने पर चर्चा होगी।
उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में बाढ़ के कारण अपने दस्तावेज खोने वालों के लिए विशेष शिविर लगाए गए हैं। आयोग उनके लिए डुप्लीकेट दस्तावेज तैयार करेगा। यह निर्णय दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार और कूचबिहार के लिए लिया गया है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार एसआईआर फॉर्म तैयार करने का काम शुरू हो गया है। कुछ जिलों में फॉर्म की छपाई का काम भी पूरा हो गया है। आयोग को उम्मीद है कि अगले 2 दिनों में गणना फॉर्म का काम पूरा हो जाएगा।
और क्या निर्णय लिया गया है?
अब तक राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में दो विशिष्ट बीएलओ के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं। वे दोनों राजनीतिक दलों के सदस्य और पंचायत पदाधिकारी थे। इसीलिए चुनाव आयोग ने उन दोनों को हटा दिया है।