समाचार ऐई समय : डेंगू को लेकर प्रश्न उठने पर कोलकाता नगर निगम (KMC) के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हमेशा तर्क देते हैं कि इस रोग के जीवाणुवाहक मच्छर एडीस एजिप्टाई के कुनबे को ही नष्ट करना होगा। लेकिन दुर्गा पूजा के बाद हर मोहल्ले में डेंगू के मच्छरों की भरमार हो चुकी है।
दुर्गा पूजा के पंडालों के बांस के खुले हुए मुंह वाले गड्ढों में बारिश का पानी में मच्छर पनप रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर के महीने में शहर भर में डेंगू का प्रकोप हर साल बढ़ता है। इसलिए अगर इस बारे में जल्दी कदम न उठाया जाए तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। आम लोगों में यहीं चिंता सता रही है।
कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल 1 जनवरी से 5 अक्टूबर तक कोलकाता में डेंगू से 589 लोग प्रभावित हुए थे। जबकि 2025 में उसी अवधि में 791 लोग प्रभावित हुए हैं। नगर निगम से मिले तथ्यों के अनुसार डेंगू बढ़ने का संकेत मिल रहे हैं। कोलकाता नगर निगम की ओर से दुर्गा पूजा आयोजकों को पंडालों को खोल लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। यह समयसीमा समाप्त होते ही काली पूजा के पंडाल बनने शुरू हो गए हैं। एक बार फिर से वही स्थिति पैदा हो जाएगी।
हर साल बारिश रुकने पर डेंगू का प्रकोप बढ़ता है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार आम जनता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली स्थिति में पूजा कमेटी के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी। लेकिन उनको अफसोस है कि यह काम करने वाला कोई नहीं है। क्योंकि कोलकाता नगर निगम के कई पार्षद कई दुर्गा और काली पूजा कमेटियों के शीर्ष पदों पर मौजूद हैं।
दूसरी तरफ अगर किसी घर या प्लॉट में यदि डेंगू के मच्छर पैदा होने का आदर्श माहौल मिलता जो जनस्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, इस तर्क से कोलकाता नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग संबंधित मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जुर्माना वसूलता है। हर साल नगर निगम की ओर से महानगर की दुर्गा पूजा कमेटियों को पंडाल के आसपास डेंगू के लार्वा पैदा होने लायक आदर्श माहौल न बने, इसके लिए सुझावों की एक सूची भेजी जाती है। इस काम के लिए जिम्मेदार एक उच्चाधिकारी का कहना है कि हम भेजते तो हैं, लेकिन लगता नहीं है कि इससे बहुत ज्यादा लाभ नहीं होता है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मेयर पार्षद एवं डिप्टी मेयर अतीन घोष का इस बारे में कहना है, 'हमने प्रत्येक दुर्गा पूजा कमेटी को सचेत किया है। बांस खोल लेने को कहा है। गड्ढो को भरने के लिए कहा गया है। अब काली पूजा आने वाली है। इसलिए स्थिति पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया है।'