राज्य में SIR की शुरुआत 4 नवंबर से हो चुकी है। उसी दिन से बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने घर-घर जाकर SIR का फॉर्म वितरित करने का काम शुरू कर दिया है। ऑनलाइन के अलावा अब तो घर-घर जाकर ऑनलाइन माध्यम से भी SIR का फॉर्म भरने का काम चल रहा है।
लेकिन इस बीच कई BLO पर अनियमितता और चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप भी लगा है। कुछ जिलों में तो BLO पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर एक ही जगह पर फॉर्म बांटने का आरोप भी लगाया गया है। अनियमितताओं को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने अब सख्त कदम उठाए हैं।
आयोग की ओर से बताया गया है कि शनिवार तक 8 बीएलओ पर मामला दर्ज किया गया है और 5 बीएलए के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आयोग ने आगे कहा कि अगर बीएलओ जानबूझकर SIR का फॉर्म नष्ट करते हैं या राजनीतिक पार्टियों के एजेंटों के साथ मिलकर काम करते हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है। शनिवार को चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि अगर कंट्रोल रूम को बीएलओ के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उनसे सीधे पूछताछ की जाएगी। बाद में आरोपी बीएलओ के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए जाएंगे।
जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
अगर कोई बीएलओ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करता दिखाई देता है तो इसकी शिकायत सीधे चुनाव आयोग से की जा सकेगी। आयोग ने शनिवार को एक हेल्पलाइन नंबर (033-22310850) जारी किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि SIR के बारे में आम जनता में फैले भ्रम को दूर करने के लिए सोमवार से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय चुनाव आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल SIR के कार्यों का निरीक्षण करने उत्तर बंगाल आया था। उस समय चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने बीएलओ को कड़ी हिदायत दी गयी थी। बीएलओ से कहा गया था कि वे घर-घर जाकर ही फॉर्म वितरित करेंगे। किसी भी परिस्थिति में ये फॉर्म बीएलए को नहीं दिए जाएंगे।