साल भर बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रचार की प्रारंभिक तैयारी का दौर हर राजनीतिक दल ने शुरू कर दिया है। इसी बीच वामपंथियों की बड़ी जीत हुई है। हुगली के पांडुआ का सहकारी चुनाव वाम समर्थित उम्मीदवारों ने जीत लिया है।
पांडुआ की श्रीरामबाटी कृषि विकास समिति पहले तृणमूल के कब्जे में थी। इस बार वहां तृणमूल एकदम साफ हो गई है। सहकारी समिति वाम समर्थित उम्मीदवारों ने छीन ली है। 12 सीटों में से 11 सीटों पर सीपीएम समर्थित उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। एक सीट पर तृणमूल की जीत हुई। बीजेपी ने यहां 6 सीटों पर उम्मीदवार दिए थे लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी।
सहकारी समिति के कुल 732 मतदाता थे। शनिवार सुबह 11 बजे से मतदान शुरू हुआ। यह दोपहर 3 बजे तक चला। दोपहर साढ़े 3 बजे से गिनती शुरू हुई। परिणाम आते ही पता चला कि वाम समर्थित उम्मीदवार आगे हैं। पूरा परिणाम आने पर वाम समर्थित उम्मीदवार लाल गुलाल उड़ा कर जश्न मनाने लगे। अप्रिय घटना से बचने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
पांडुआ के पूर्व विधायक अमजाद हुसैन ने बताया कि चार महीने पहले चुनाव होना था लेकिन चुनाव नहीं कराने दिया गया। उनका कहना है, 'तृणमूल जानती है कि लोगों का उन पर भरोसा नहीं है। दस साल से तृणमूल ने इस सहकारी समिति पर कब्जा कर रखा था। सहकारी समिति को लूटा है। इस सहकारी समिति को भ्रष्टाचार मुक्त करके चलाने के लिए खेत मजदूरों, किसानों, पट्टेदारों ने वाम उम्मीदवारों को वोट दिया है।'
हुगली संगठनात्मक जिला तृणमूल के महासचिव संजय घोष ने कहा, 'ऐसा परिणाम क्यों आया इसकी जांच की जाएगी। पहले से ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस बात की जानकारी दे दी गई है। सहकारी समिति में कौन उम्मीदवार होगा यह मौजूदा ब्लॉक अध्यक्ष ने तय किया था। कहां तालमेल की कमी है इस पर पार्टी में चर्चा होगी।'