तृणमूल कार्यकर्ता की नृशंस हत्या में 8 सीपीएम कार्यकर्ता दोषी करार

गुड़ाप थाना पुलिस की जांच में दस सीपीएम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ।

By देवदीप चक्रवर्ती, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 06, 2025 21:00 IST

हुगली जिले के गुड़ाप में 15 साल पहले तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता क्षुदिराम हेम्ब्रम की नृशंस हत्या की गई थी। गुरुवार को उसी मामले में चूंचूड़ा अदालत ने आठ सीपीएम कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया। शुक्रवार को इस मामले में सज़ा सुनाई जाएगी। क्षुदिराम के बेटे सुनील हेम्ब्रम ने कहा, “इतने वर्षों बाद हमें न्याय मिला।”

घटना 18 मार्च 2010 की है। उस समय पूरे राज्य में उच्च माध्यमिक परीक्षाएँ चल रही थीं। क्षुदिराम का बेटा सुनील परीक्षा की तैयारी के लिए घर पर पढ़ाई कर रहा था। क्षुदिराम, जो पेशे से किसान थे, दोपहर करीब तीन बजे किसी काम से घर से निकले। काम निपटाने के बाद वे अपने दोस्त तपन रूईदास के घर गए — जहां दोस्त की बेटी की शादी को लेकर चर्चा होनी थी।

सुनील के अनुसार, आरोपी पहले से इस बात की जानकारी रखे हुए थे। वे क्षुदिराम को उनके दोस्त के घर से जबरन उठाकर ले गए और हत्या कर दी। सुनील ने बताया, “मेरे पिता को उठाकर ले जाया गया और धारदार हथियार से बेरहमी से काटकर मार डाला गया। उसके बाद शव को गायब करने की कोशिश की गई। लाश को बोरे में बंद कर करीब दो किलोमीटर दूर फेंक दिया गया।” सुनील का आरोप है कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते ही क्षुदिराम की हत्या की गई।

गुड़ाप थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दस सीपीएम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने चूंचूड़ा अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस मुकदमे में कुल 12 गवाहों ने गवाही दी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई, जबकि बाकी आठ लोग ज़मानत पर थे। गुरुवार को चूंचूड़ा अदालत के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शर्मा ने सभी आठों को दोषी करार दिया।

धनियाखली पंचायत समिति के सदस्य और तृणमूल नेता मुंशी सकावत हुसैन ने कहा, “क्षुदिराम की बेरहमी से हत्या की गई थी। वाम शासन के दौरान उस इलाके के लोग भय के माहौल में रहते थे। हमने उस परिवार को पांच साल तक किसी और जगह पर रखा था। आज उस मामले के आरोपियों को दोषी ठहराया गया है।”

सरकारी वकील चंडी बंद्योपाध्याय ने कहा, “पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद 12 गवाह पेश किए गए। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर ने पोस्टमॉर्टम किया था। उन्होंने अदालत को बताया कि क्षुदिराम के शरीर पर 21 घाव के निशान थे। यह एक नृशंस हत्या थी। इस मामले में अधिकतम सज़ा या तो फांसी हो सकती है या उम्रकैद।” इस विषय पर जब हुगली ज़िला सीपीएम सचिव देबव्रत घोष से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

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