पिछले 2 दिनों से हुगली के आरामबाग में निजी बस सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं। लगातार दो दिनों से बस नहीं चलने की वजह से आम यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों का आरोप है कि बस सेवाएं बंद रहने की वजह से ई-रिक्शा और ऑटोरिक्शा ड्राइवर मनमाना किराया वसूल रहे हैँ। कुछ यात्रियों ने तो सामान्य से दोगुना किराया मांगने तक का आरोप लगाया है।
हालांकि टोटो, ऑटो ड्राइवरों का दावा है कि बस सेवाएं जारी रहने पर जो किराया मांगा जाता है, बस बंद रहने पर भी वहीं किराया मांगा गया है। कोई अधिक किराया बिल्कुल नहीं मांगा जा रहा है।
आरामबाग में द्वारकेश्वर नदी पर रामकृष्ण सेतु की मरम्मत का काम चल रहा है। इस वजह से निजी बसों का संचालन बंद रखा गया है। इसी सेतु से होकर आरामबाग से दूसरे जिलों और राज्य के दूसरे हिस्सों में बसें आवाजाही करती थी। इसलिए आरामबाग की बसें बाहर नहीं निकल पा रही हैं। इस कारण बस मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। इसके विरोध में ही 15 अक्तूबर से अनिश्चितकाल के लिए आरामबाग महकमा बस परिसेवा को बंद रखने का फैसला हुगली इंटर रिजन एक्सप्रेस बस ओनर्स एसोसीएशन ने लिया था।
आरोप है कि बस बंद रहने की वजह से राज्य सड़क पर चलने वाली ई-रिक्शा और ऑटोरिक्शा की मांग बढ़ गयी है। यात्रियों का आरोप है कि इसी मौके पर फायदा उठाकर ऑटोरिक्शा व ई-रिक्शा ड्राइवर मनमाना किराया वसूल रहे हैं। जितने किराए की मांग की जा रही है वह हर किसी के बस की बात नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बारे में गुरुवार को आरामबाग महकमा शासक के ऑफिस में प्रशासनिक बैठक बुलायी गयी है।
गुरुवार को भी आरामबाग विद्यासागर बस टर्मिनस पर एक भी निजी बस नजर नहीं आयी। हालांकि सरकारी बसें चल रही हैं लेकिन उनकी संख्या इतनी कम है कि मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं। इस वजह से ई-रिक्शा, ऑटोरिक्शा और मारुति वैन को अधिक किराया देकर यात्री सवारी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।