शुक्रवार को आखिरकार आरामबाग बस स्टैंड से निजी बसों की सेवाएं शुरू हो गयी। गत बुधवार से आरामबाग महकमा की सभी बस एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से बस नहीं चलाने का फैसला लिया था। इस वजह से यात्रियों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। बस नहीं रहने की वजह से यात्रियों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए यातायात के दूसरे संसाधनों का दोगुना किराया देते हुए इस्तेमाल करना पड़ रहा था। हालांकि आरामबाग बस-मिनीबस ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन की सचिव मधुमीता भट्टाचार्य ने आश्वासन दिया है कि 2-1 दिनों में ही हाइटबार को खोल दिया जाएगा।
महकमा के बस मालिक संगठनों का दावा है कि अगस्त से ही आरामबाग के द्वारकेश्वर नदी के ऊपर रामकृष्ण सेतु के एक हिस्से के टूट जाने की वजह से उसकी मरम्मत का काम हो रहा था। उस समय प्रशासन ने ब्रिज के दोनों सिरों पर हाइटबार लगा दिया था। हाइटबार लगाने से बस मालिकों को ब्रिज पर से होकर बसों की आवाजाही को बंद कर देना पड़ा। बस मालिकों का आरोप है कि बस सेवाओं के बंद रहने की वजह से उनको नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस समय के दौरान न तो आरामबाग से दूसरे जिलों में बस जा पा रही थी और न ही दूसरी जिलों की बसें यहां आ सकती थी।
इसे लेकर गुरुवार को आरामबाग महकमा शासक के कार्यालय में प्रशासनिक बैठक भी बुलायी गयी थी। वहां प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ बस मालिक भी मौजूद थे। इसके बाद ही शुक्रवार को आरामबाग बस-मिनीबस ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन की सचिव मधुमीता भट्टाचार्य ने घोषणा करते हुए कहा कि आज से बसें शुरू हो रही हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सिर्फ बसों के लिए 2-1 दिनों के अंदर ही हाइटबार को खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही वैकल्पिक ब्रिज भी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने 2-3 दिनों का समय लिया है। अगर इन दिनों के अंदर नहीं होता है, तो हम इस बारे में दोबारा जरूर सोचेंगे।
वहीं इस बारे में राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती ने कहा कि बस सेवाएं शुरू हो गयी हैं, यह अच्छी बात है। ब्रिज की मरम्मत का काम भी चल रहा है। बस ड्राइवरों को कुछ दिन थोड़ा कष्ट करके बसें चलानी पड़ेगी। यात्रियों को भी थोड़ी असुविधा होगी। बहुत जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। बस सेवाओं के शुरू होने से यात्रियों ने भी राहत की सांस ली है। एक यात्री का कहना है कि पिछले 2 दिनों से बस सेवाओं के बंद रहने की वजह से बड़ी मुश्किलें हो रही थी। लेकिन आखिरकार इनके शुरू होने से थोड़ी राहत जरूर मिली है।