एई समय, कालना : परिवार आर्थिक रूप से संपन्न हो या न हो, लेकिन त्योहारों के समय खुशियों में कोई कमी नहीं होती है। लेकिन कालना के नांदाई आश्रमपाड़ा के हराधन देबनाथ के घर की खुशियों का दीया त्योहारों के मौसम में ही बुझ गया। लगभग 4 महीने पहले प्रवासी मजदूर के तौर पर गुजरात काम करने गए हराधन देबनाथ (54) ने दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर रात आश्रमपाड़ा के घर में खबर आई, उसी रात अपने कार्यस्थल से घर लौटते समय दुर्घटना में हराधन की जान चली गई है।
दुर्गा पूजा के मौके पर ऐसी घटना से परिवार के साथ-साथ पूरा इलाका शोक में डूब गया है। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को दुर्गा पूजा की सप्तमी के दिन उनका शव घर पहुंचेगा।
हराधन के परिवार में पत्नी, एक बेटा, एक बेटी के अलावा उनके माता-पिता भी हैं। उनके बेटे अमित ने बताया कि एक समय उनके अपने घर में करीब 8 करघे थे। इलाके के एक व्यस्त बुनकर के रूप में उनकी पहचान थी।
हाथ करघों के बाजार में संकट के कारण एक-एक करके सभी बंद हो गए। उसके बाद घर चलाने के लिए चार महीने पहले वह गुजरात में काम करने गए थे। अमित ने शनिवार को कहा कि सभी करघे बंद करने के बाद घर चलाने के लिए पिताजी कुछ दिन कोलकाता में पाइपलाइन का काम किया करते थे। पिछले 4 महीनों से वह गुजरात के भुज में एक कंपनी में काम कर रहे थे।
दुर्घटना के बारे में अमित ने बताया कि मुझे जो जानकारी मिली है, शुक्रवार की रात को 8 बजे के आसपास दुर्घटना घटी। कंपनी के एक माल वाहक गाड़ी के पीछे लटककर पिताजी कुछ लोगों के साथ घर लौट रहे थे। उस गाड़ी ने किसी कारण से जोर से ब्रेक लगाया तो पिताजी सहित तीन लोग सड़क पर गिर पड़े। पीछे से आ रही दूसरी गाड़ी ने पिताजी को जोर से टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
पिताजी को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी। वहीं पत्नी रत्ना ने बताया कि घर चलाने के लिए ही मेरे पति दूसरे राज्य में काम करने गए थे। अब बेटा, बेटी, ससुर, सास को लेकर घर कैसे चलाया जाएगा, यह सोचकर ही परेशान हो रही हूं।