छत्तीसगढ़: सुकमा में एक बार फिर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को हथियारों के साथ 10 माओवादी सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 6 महिलाएं शामिल हैं। इन सभी पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था। एक दिन पहले ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने राज्य को माओवादी मुक्त घोषित किया था और उसके अगले ही दिन छत्तीसगढ़ में यह बड़ी कामयाबी सामने आई।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने एके-47 राइफल, दो एसएलआर, एक .303 राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर और एक स्टेन गन सुरक्षा बलों को सौंपी है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाटिलिंगम ने इसकी पुष्टि की। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि इन माओवादियों ने ‘पुना मारघम’ पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पण किया है। नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ बनाना अब सिर्फ एक सपना नहीं बल्कि तेजी से हकीकत बन रहा है। बस्तर क्षेत्र में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से शांति, विश्वास और विकास का माहौल लौट रहा है।
इसके बाद उन्होंने सुकमा स्थित ‘बायन वाटिका’ (जिसका अर्थ आशा और भविष्य का बगीचा है) पुनर्वास केंद्र में समाज की मुख्यधारा में लौटने के प्रतीक के रूप में पौधारोपण भी किया। बस्तर रेंज के आईजी ने बताया कि बीते 11 महीनों में इस क्षेत्र में कुल 1,520 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब भी कई शीर्ष माओवादी नेता, जिनमें पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पप्पा राव और बारसे देवा शामिल फरार हैं। उनके सामने आत्मसमर्पण के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।