दिवाली का नया खतरा एक खिलौना बंदूक, जिसकी गोलियों से 14 बच्चे अंधे, सैकड़ों अस्पताल में

खिलौने जैसी दिखने वाली 'कार्बाइड गन' के क्रेज ने मध्य प्रदेश में भयावह स्थिति पैदा कर दी है। गन की कीमत बाजार में 150 से 200 रुपये तक है।

By सायनी जोआरदार, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 23, 2025 18:19 IST

भोपालः हर बार दीवाली पर बाजार में नए-नए पटाखे आते हैं और वही ट्रेंड बन जाते हैं। इस बार बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा वह है 'कार्बाइड गन' या 'देसी फायरक्रैकर गन'। सोशल मीडिया पर यह खूब वायरल हो रही है। यह एक बड़े पाइप जैसी दिखती है। इसके अंदर फल पकाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बाइड के टुकड़े डाले जाते हैं और फिर उसमें पानी डाला जाता है। इसके बाद होती है रासायनिक प्रतिक्रिया। 'तोप' दागते ही जोरदार धमाका के साथ पाइप के मुंह से निकलती है आग की गेंद।

इस 'कार्बाइड गन' के क्रेज ने मध्य प्रदेश में भयावह स्थिति पैदा कर दी है। तीन दिनों में करीब 122 बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। इनमें से कई बच्चों की आंखों में गंभीर चोटें आई हैं, जबकि 14 बच्चों की दृष्टि चली गई है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के कई अस्पतालों के नेत्र विभागों में कोई भी बेड खाली नहीं है। अधिकतर भर्ती बच्चे कम उम्र के हैं। अकेले भोपाल के हमीदिया अस्पताल में पिछले 72 घंटों में 26 बच्चे भर्ती हुए हैं। सबसे गंभीर स्थिति विदिशा जिले में है, जहां खुलेआम 'कार्बाइड गन' बेची जा रही है, जबकि सरकार ने 18 अक्टूबर को ही इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

खिलौने जैसी दिखने वाली इस गन की कीमत बाजार में 150 से 200 रुपये तक है। फटने पर यह असली बम जैसी आवाज करती है। हमीदिया अस्पताल में भर्ती 17 वर्षीय नेहा ने बताया कि यह 'कार्बाइड गन' उनके घर पर ही बनाई गई थी, जिसमें धमाका हो गया और उसकी एक आंख जल गई।

राज विश्वकर्मा नाम के एक युवक ने भी बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर देखकर 'कार्बाइड गन' घर पर बनाई थी। अचानक वह फट गई और आग उनके चेहरे पर आ गई। अब वे भी आंखों से ठीक से देख नहीं पा रहे हैं।

'कार्बाइड गन' बेचने के आरोप में विदिशा पुलिस ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर आर.के. मिश्रा ने बताया कि जो भी लोग इस ‘कार्बाइड गन’ को बेच रहे हैं या उसका प्रचार कर रहे हैं, उन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

कार्बाइड गन कैसे बन रही है?: प्लास्टिक या टिन की पाइप में माचिस की तीलियों के सिर, कैल्शियम कार्बाइड और पानी डाला जाता है। उसके बाद लाइटर जलाते ही जोरदार धमाका होता है। पुलिस ने बताया है कि कुछ लोग इसे 'मिनी कैनन' के नाम से भी बेच रहे हैं।

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