नई दिल्ली: एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के तहत की गई है। अटैच की गई संपत्तियों में 364 रिहायशी प्लॉट और कृषि भूमि शामिल हैं, जिनकी कीमत लगभग 59.96 करोड़ रुपये है। इसके अलावा बैंक बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉज़िट जैसी चल संपत्तियों की कीमत 1.24 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम, 2002 के तहत की गई।
यह कार्रवाई पहले की लगभग 215 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई का हिस्सा है। ED के छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने 10 नवंबर को संपत्तियां अटैच कीं। मामला छत्तीसगढ़ एंटी-करप्शन ब्रांच और इकोनॉमिक ऑफ़ेन्सेज विंग द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। पुलिस जांच में सामने आया कि शराब घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और लाभार्थियों ने 2500 करोड़ रुपये से अधिक का अपराध से अर्जित धन कमाया। ED के मुताबिक, चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर थे और सभी अवैध निधियों के हिसाब-किताब का जिम्मा उनके पास था।
जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य बघेल ने POC को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के जरिए साफ-सुथरी संपत्ति के रूप में पेश किया। उन्होंने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ‘विठ्ठल ग्रीन’ में इस धन का इस्तेमाल किया। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को ED ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में पहले अनिल तुतेजा (पूर्व IAS), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर धेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कावसी लखमा विधायक और तत्कालीन आबकारी मंत्री को भी ED ने गिरफ्तार किया था।