दीपावली से पहले जहरीली हुई दिल्ली की हवा, प्रदूषण का पारा चढ़ते ही ग्रैप-2 लागू, लगी पाबंदियां

By Devdeep Chakravarty, Posted by:लखन भारती

Oct 19, 2025 22:20 IST

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। डीजल जनरेटरों पर रोक, पार्किंग फीस में वृद्धि और सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों की सेवा बढ़ाने जैसे कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली का एक्यूआई 'अति खराब' श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।


दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू कर दी गई है। दीपावली से पहले ही दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली की हवा दमघोंटू हो गई है। जानें ग्रैप-2 लागू होने के बाद क्या-क्या पाबंदियां लागू होंगी।

ग्रैप-2 की पाबंदियां

डीजल जनरेटर चलने पर लगेगी रोक।

प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा।

सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ाया जाएगा।

RWA अपने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर देंगी ताकि वे गर्माहट के लिए कूड़ा, लकड़ी या कोयला न जलाएं।

नैचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर चल सकेंगे।

800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह रेट्रोफिटिंग करवाएंगे।

दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार सुबह 7 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 273 अंक दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों जैसे इंडिया गेट, कर्तव्य पथ, लाल किला और कनॉट प्लेस में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर है। राजधानी दिल्ली के 9 इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी की ओर इशारा करता है।

फिलहाल, प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर के पीछे वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, पराली जलाना और मौसमी बदलाव जैसे कारक जिम्मेदार माने जा रहे हैं। दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही इससे निपटने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।

दीपावली के बाद हालात और बिगड़ने की आशंकाः

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) ने भविष्यवाणी की है कि 21 अक्टूबर को प्रदूषण 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच सकता है और इसके बाद छह दिनों तक 'खराब' से 'खतरनाक' के बीच रह सकता है। पिछले सालों में दीपावली के बाद पराली जलाने, स्थानीय प्रदूषण, पटाखों और खराब मौसम के कारण प्रदूषण बढ़ जाता था लेकिन इस साल विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ के कारण पंजाब में फसल कटाई में देरी होने से पराली जलाने का असर दीपावली के दौरान कम रहने की संभावना है।

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