मुंबईः काम से रात को बाप अभी घर लौटा था। उसे देखते ही बेटे की आंखों में आंसू। उसका केवल एक प्रश्न था- 'बाबा, तुम कब स्कूल की फीस दोगे।' पेशे से मजदूर बाप आर्थिक तंगी के बारे में सोचते-सोचते दिन के अंत में तब टूट चुका था। तब भी वह नहीं जानता था कि उसके बेटे को स्कूल की पूरी फीस नहीं दे पाने के कारण फर्श पर बैठाकर परीक्षा देने को मजबूर किया गया है। बाकी छात्रों से उसे अलग दिखाने के लिए इस तरह अपमान किया गया है। केवल यही नहीं, स्कूल प्रशासन के खिलाफ इसी कारण से पिछली कक्षा का परिणाम रोकने का आरोप लगा है।
महाराष्ट्र के भिवंडी के सलाउद्दीन अयूबी मेमोरियल उर्दू हाईस्कूल का दसवीं का छात्र है फाहद फैज खान। उसके स्कूल में हाल ही में पहले सेमेस्टर की परीक्षा चल रही थी। सूत्रों की खबर के अनुसार, वह 3 अक्टूबर को परीक्षा देते समय इस अपमान का शिकार हुआ। इधर, आर्थिक समस्या के कारण फैज खान बेटे की स्कूल फीस 2500 रुपए में से 1200 रुपए ही दे पाये थे। लेकिन इस वजह से स्कूल प्रशासन के इस निंदनीय कदम को स्वीकार नहीं पा रहे हैं। संवाददाताओं से उन्होंने कहा, 'बेटा तो परीक्षा देने ही नहीं जाना चाहता था। मैंने उसे समझाकर स्कूल भेजा। मैं बेटे के साथ हुई इस अपमान की घटना की पूछताछ करने खुद स्कूल गया।'
वहां पहुंचते ही उन्होंने पूछा-'फाहद कहां परीक्षा दे रहा है।'
उन्हें केवल बताया गया कि वह स्कूल बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर परीक्षा देने बैठा है। लेकिन वहां जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।लेकिन पिछली रात से बेटे का चेहरा उनकी आंखों के सामने बार-बार आ रहा था। इसलिए बेटे के अपमान की बात सोचकर वे नियम तोड़कर तीसरी मंजिल पर पहुंच गये। फैज के शब्दों में, 'वहां जाते ही देखा, कि मेरा बेटा हॉल के फर्श पर अखबार बिछाकर बैठकर परीक्षा दे रहा है। परीक्षक से इस बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा, प्रिंसिपल के पास जाओ।'
उसके बाद और बात न बढ़ाकर फैज बेटे को परीक्षा हॉल से लेकरसीधे थाने पहुंचे । पुलिस के पास प्रिंसिपल और घटना में शामिल अन्य शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। बाद में हालांकि फाहद को स्कूल भेजकर उसके पेपर पूरे करने का इंतजाम पुलिस ने किया।
थाने में उन्होंने बताया कि बेटे की स्कूल फीस 2,500 रुपए है लेकिन आर्थिक कारणों से वे 1,200 रुपए नहीं दे सके। उनका कहना है बकाया 1300 रुपए के लिए एक छात्र के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि पैसा चुकता न कर पाने के कारण कक्षा नौ में अच्छे नम्बर लाने के बावजूद स्कूल से रिपोर्ट कार्ड तक नहीं दिया गया।