बुधवार को कई जिलों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना। मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक करके तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सतर्कता उपायों की समीक्षा की।
मंगलवार को ही अत्यधिक बारिश के कारण चेन्नई समेत तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्र जलमग्न हो गया और इसी बीच वहां और बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है। अत्यधिक बारिश के खतरे को देखते हुए तटवर्ती आठ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही वहां चक्रवात या तूफान की आशंका भी उत्पन्न हुई है। अत्यधिक बारिश के साथ ही चक्रवात की भविष्यवाणी मिलने पर तमिलनाडु प्रशासन ने सतर्कतामूलक उपाय करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अधिकारियों के साथ बैठक करके सतर्कतामूलक उपायों की समीक्षा की है।
मौसम विभाग के सूत्रों के अनुसार, अंडमान सागर में इंदिरा पॉइंट के पास एक शक्तिशाली चक्रवात बनने की संभावना है। यह चक्रवात ऊर्जा संचित करके तमिलनाडु तट के करीब आएगा। मौसम विभाग ने बताया कि इस चक्रवात की शक्ति बढ़कर कम दबाव से गहरे कम दबाव में बदलने की संभावना अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि चेतावनी जारी करने के तुरंत बाद उचित कदम उठाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जिस क्षेत्र में चक्रवात पड़ने की संभावना है, वहां के निवासियों को सुरक्षित आश्रय स्थल पर ले जाया जाएगा।
मौसम विभाग ने बताया कि तमिलनाडु प्रशासन ने चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, कूड्डालोर और मयिलादुतुरई जिलों में भारी बारिश की पूर्व सूचना दी है। इसके साथ ही उन चार जिलों समेत तटवर्ती आठ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह की चेतावनी और निर्देश पुडुचेरी में भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा चेन्नई के साथ कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम कार्यालय की निदेशक बी आमुधा ने मंगलवार को बताया कि जिस क्षेत्र में निम्न दबाव उत्पन्न हुआ है वह चेन्नई से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। हालांकि, यह निम्न दबाव शक्तिशाली चक्रवात में बदल सकता है। इसलिए, इसका प्रभाव तमिलनाडु, पुदुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटों पर पड़ सकता है, उन्होंने कहा। इस स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है, यह तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बताया।
इस बीच, अत्यधिक बारिश के कारण चेन्नई समेत विभिन्न क्षेत्रों की सड़कें जलमग्न हो गई हैं। इसके फलस्वरूप जनजीवन प्रभावित हुआ है। कूडालोर जिले के कई क्षेत्रों में भी पानी जमा हो गया है। बारिश के कारण वहां कई गांवों की खेती की जमीन जलमग्न हो गई है। इससे धान को व्यापक नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।