पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने शुक्रवार को राज्य की महिलाओं में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपये वितरित किए। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक आवास से कैबिनेट सहयोगियों और उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में प्रत्येक लाभार्थी को 10,000 रुपये सीधे DBT सिस्टम के माध्यम से प्रदान किए। कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा,“अब तक कुल 1.56 करोड़ महिलाओं को यह राशि मिल चुकी है। लाभार्थियों को इसे स्वयं रोजगार के लिए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जो महिलाएं ऐसा साबित करेंगी, उन्हें बाद में 2 लाख रुपये और सहायता दी जाएगी।”
योजना का शुभारंभ और चुनावी संदर्भ
योजना की शुरुआत सितंबर में विधानसभा चुनावों की घोषणा से लगभग एक महीने पहले हुई थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया था। पैसे लाभार्थियों में बैचों में वितरित किए गए और यह प्रक्रिया चुनावों की घोषणा के बाद भी जारी रही। विपक्ष ने इसे लेकर आरोप लगाया कि वोट खरीदे जा रहे हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक योजना को चुनावी लाभ भी मिला क्योंकि महिलाओं ने अभूतपूर्व संख्या में मतदान किया और शासक एनडीए ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बनाए रखी।
शिकायतों और भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंत्री का बयान
मंत्री से उन महिलाओं के बारे में सवाल किया गया जिन्हें योजना के लिए आवेदन करने के बावजूद पैसे नहीं मिले और जिन अधिकारियों पर फॉर्म भरने में रिश्वत मांगने के आरोप थे। श्रवण कुमार ने जवाब दिया,“योजना स्पष्ट करती है कि लाभार्थियों को अपने क्षेत्र में जीविका सेल्फ-हेल्प ग्रुप में पंजीकृत होना आवश्यक है। जो महिलाएं ऐसा नहीं कर पाई हैं, उन्हें प्रेरित किया जा रहा है और वे लाभ प्राप्त करेंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप विपक्षी पार्टियों जैसे RJD और Jan Suraaj Party द्वारा लगाए जा रहे हैं। इन पार्टियों ने संगठन में शामिल होने वाले लोगों से 20,000 रुपये की मांग की थी।