भोजपुरी संगीत जगत के चर्चित गायक भरत शर्मा व्यास को फर्जी टीडीएस रिटर्न के जरिए 7,82,529 रुपए रिफंड लेने के मामले में मंगलवार को 2 साल कैद और 5,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।
धनबाद के सीबीआई विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह एसडीजेएम अभिजीत कुमार पांडेय की अदालत ने इस मामले में भरत शर्मा व्यास के अलावा मुंगमा एरिया के अकाउंटेंट सत्यवान राय और एलआईसी एजेंट नम्रता राय को भी दोषी ठहराया। तीनों आरोपियों को ऊपरी अदालत में क्रिमिनल अपील दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत भी दी गई।
अदालत ने सभी आरोपियों को षड्यंत्र रचकर धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाया। यह मामला सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा द्वारा 2004 में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित था। आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज़ों का सहारा लेकर आयकर विभाग से अवैध रिफंड हासिल किया।
भरत शर्मा के खिलाफ कुल छह मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से पांच में पहले ही उन्हें सजा हो चुकी है। इस सजा के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।
आयकर विभाग ने शिकायत के आधार पर 23 जून 2024 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद सीबीआई ने 12 जुलाई 2007 को आरोप-पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्तों की सशरीर उपस्थिति सुनिश्चित की।
सजा के बाद अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज़ बनाकर सरकारी धन हड़पने का मामला गंभीर है, लेकिन उन्हें अपील के लिए जमानत पर छोड़ दिया गया।
भोजपुरी संगीत जगत के इस चर्चित मामले ने एक बार फिर टीडीएस रिटर्न और आयकर धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर किया है और इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।