अहमदाबाद में उन्हें बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा भी था जब वेस्ट इंडीज़ विश्व क्रिकेट पर राज करता था, आज वे जले हुए दीपक की तरह हैं। खिलाड़ी विदेशी लीगों में ज्यादा रुचि रखते हैं। इसके कारण देश की अंतरराष्ट्रीय टीम पिछड़ रही है। टेस्ट सीरीज इसका प्रमाण है। दो मैचों की सीरीज में वे 1-0 से पीछे हैं। दूसरा मैच 10 तारीख को दिल्ली में है। उस मैच में जीतना वेस्ट इंडीज़ के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन टीम की स्थिति को देखते हुए पूर्व क्रिकेटरों की उनसे ज्यादा उम्मीद नहीं है। उनके बीच एक हैं वेस्ट इंडीज़ के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान कोच डैरेन सैमी। उन्होंने टीम की इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस स्थिति के लिए उन्होंने खिलाड़ियों को दोषी नहीं ठहराया। बल्कि उन्होंने वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड की वित्तीय स्थिति की ओर इशारा किया। पत्रकारों के सामने उन्होंने कहा, 'यहां कुछ छुपाने की बात नहीं है। हम लंबे समय से वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी कारण ब्रायन लारा, विव रिचर्ड, रिची रिचर्डसन पहल लेकर लीग आयोजित कर रहे हैं और वे प्रायोजक खोज रहे हैं। कोच के रूप में जब मैं किसी खिलाड़ी से कहता हूँ कि उसे वेस्ट इंडीज़ टीम में चयनित किया गया है तो मैं उम्मीद करता हूं कि वह इसे स्वीकार करेगा।'
विशेषज्ञों का दावा है कि वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट को बचाने के लिए सबसे पहले लंबी अवधि की योजना की आवश्यकता है। क्रिकेट की रणनीति बनाने की जरूरत है। इसके बिना इसे बचाया नहीं जा सकता।
वैसे भी वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट की खराब स्थिति को लेकर कई बार बैठकें हो चुकी हैं। जिनमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में खराब प्रदर्शन शामिल है। वहां वे टेस्ट में केवल 27 रन पर आउट हो गए।