क्रिकेट मैदान में जो जगह सबसे अच्छी होती है वह है विकेटकीपर की जगह। विकेट के पीछे से पूरे मैदान को देखा जा सकता है। इसलिए कीपर की महत्वत्ता यहाँ अधिक होती है और अगर वह कीपर ऋषभ पंत हों, तो बात ही अलग है। विकेट के पीछे से लगातार बात करके विपक्षी खिलाड़ियों को व्यस्त रखने के साथ-साथ बॉलर को सलाह देकर विकेट लेने में मदद भी करते हैं। अब इसका प्रमाण भी मिल गया है। पंत की सलाह पर कुलदीप यादव ने तेम्बा बावुमा को आउट किया।
पहले टेस्ट के पहले सत्र में भारत ने शानदार गेंदबाजी की। दक्षिण अफ्रीका की योजना थी जल्दी रन बनाना और दूसरी ओर भारत का लक्ष्य था जल्दी विकेट लेना। ऐसा करने में शुरुआत में ही दक्षिण अफ्रीका जल्दी विकेट खो बैठा। मार्कराम और रायन रिकेल्टन को झकसप्रीत बुमराह ने आउट किया। इसके बाद टेम्बा बवुमा को कुलदीप यादव ने आउट किया। सबसे मजबूत बवुमा को आउट करने के पीछे पंत की भूमिका रही।
पंथ ने कैसे मदद की ?
15.6 ओवर में पंथ ने बावुमा को आउट किया। कुलदीप की गेंद को फॉरवर्ड डिफेंड करते समय बावुमा ने बैट के इनसाइड एज से खेला। गेंद बैकवर्ड शॉर्ट लेग की ओर जाती है और ध्रुव जुरेल के हाथ में पकड़ी जाती है। उन्होंने आसानी से कैच पकड़ लिया और बावुमा केवल तीन रन बनाकर आउट हो गए।
इसी गेंद से ठीक पहले विकेट के पीछे पंथ ने कुलदीप को सलाह दी। स्टंप माइक्रोफोन पर सुना जाता है कि पंथ कहते हैं, ‘वह स्वीप मारता है, इसलिए कैच इस तरफ जा सकता है (बैकवर्ड शॉर्ट लेग)। मैं कह रहा हूँ वह (ध्रुव जुरेल) यहाँ खड़ा हो जाए कैच के लिए।’ पंथ की सलाह मानते हुए कूलदीप ने थोड़ा लेग की ओर गेंद की और बावुमा फ्रंटफुट में डिफेंड करते हुए कैच दे बैठे।
पंथ ने इससे पहले मार्क्रम का शानदार कैच लिया। 12.1 ओवर में बुमराह की शॉर्ट लेंथ गेंद में अतिरिक्त उछाल आया। गेंद फिफ्थ स्टंप की ओर जाती है। मार्क्रम ने निर्णय ले रखा था कि वह गेंद को नहीं छोड़ेगा। उसी समय गेंद उनके बैट से लगकर क्रीपर के हाथ में चली गई। पंथ ने दायें तरफ डाइव लगाकर उसे पकड़ लिया।
यह पहली बार नहीं है। पंथ इससे पहले कई बार विपक्ष का फोकस भंग करने का काम कर चुके हैं। खासकर ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को चिढ़ाया। इस बार उन्होंने सिर्फ चिढ़ाने तक ही नहीं, बल्कि मैच का रुख भी बदल दिया।