यह थी एक वाइल्ड कार्ड एंट्री। सेमीफाइनल से पहले तक तो वह घर से ही टीम का खेल देख रही थी। लेकिन प्रतीका रावल को लगी चोट शेफाली वर्मा (Shefali Verma) के लिए वरदान साबित हुई। सेमीफाइनल में उन्होंने टीम में वापसी की। फाइनल मैच में खेली विनिंग पारी। चटकाए दो अहम विकेट। उनके ऑलराउंड प्रदर्शन से भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Women's World Cup) ने विश्व कप जीतकर इतिहास रच डाला है।
मुश्किल परिस्थितियों में शेफाली की 87 रनों की पारी ने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया है। क्या इस पारी के पीछे सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की सलाह है? शेफाली ने खुद इस बारे में खुलकर बात की।
ओपनिंग करने उतरी शेफाली वर्मा ने मैच में 78 गेंदों पर 87 रनों की जुझारू पारी खेली। जब भारतीय बल्लेबाज प्रोटियाज की तेज गेंदबाजी से जूझ रहे थे, तब शेफाली ने आगे बढ़कर बड़ा शॉट खेला। उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 7 ओवर में 36 रन देकर दो विकेट भी लिए। और इस ऑलराउंड प्रदर्शन के पीछे क्रिकेट के गॉड कहलाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का हाथ है। मैच के बाद शेफाली ने खुद इस बारे में खुलकर बात भी की।
शेफाली ने कहा, 'जब मैं उनसे मिली तो वहीं मेरे लिए प्रेरणा का अतिरिक्त स्रोत बन गया था। मैं उनसे लगातार काफी देर तक बात की थी। उन्होंने मुझमें आत्मविश्वास भी जगाया। वह क्रिकेट के दिग्गज हैं। इसलिए उनकी उपस्थिति ही एक बड़ी वजह बन गयी।'
शेफाली ने इस पारी के लिए स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर जैसी सीनियर खिलाड़ियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मैं जो करना चाहती थी, उसे लेकर मैं बिल्कुल स्पष्ट थी। यह सोचकर अच्छा लगता है कि मैं उस योजना पर अमल कर पाई। स्मृति और हरमनप्रीत ने हमेशा मेरा साथ दिया है। उन्होंने मुझे अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए कहा है। जब आपको सीनियर्स का इतना भरोसा मिलता है, तो मुश्किल परिस्थितियों में भी काम आसान हो जाता है। शेफाली वर्मा ही परफॉर्मर ऑफ द मैच चुनी गयी।