केंद्र सरकार जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ रही है। इस पर इस बार विजेंद्र सिंह ने आशंका जाहिर की है।
पारंपरिक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को खेल मंत्रालय तोड़ रहा है। हाल ही में खेल मंत्रालय ने बताया था कि स्पोर्ट्स सिटी बनाने के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ना जरुरी है। इस फैसले पर अब ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को लेकर निराशा व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने भविष्य में क्रिकेट स्टेडियम बनने को लेकर चिंता भी जताई है।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ने की घोषणा के बाद विजेंद्र सिंह ने एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, 'भाई नेहरू स्टेडियम को तोड़ा जा रहा है। उम्मीद है कि इसे क्रिकेट स्टेडियम नहीं बनाएंगे।'
उन्होंने यह टिप्पणी क्यों की ?
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फुटबॉल के अलावा एथलेटिक्स भी खेली जाती थी। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स, उससे पहले एशियाई खेल इस स्टेडियम में आयोजित हुए थे। इसके अलावा 2017 में अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन भी इस स्टेडियम में किया गया था। इसलिए यह स्टेडियम कई खेलों का घर है।
भारत में क्रिकेट के स्टेडियम जितने अधिक हैं उतनी संख्या में अन्य खेलों के स्टेडियम नहीं हैं। विशेष रूप से विश्वस्तरीय एथलीट ट्रैक की कमी है। दिल्ली जैसी जगहों पर फुटबॉल स्टेडियम नहीं हैं। इसलिए विजेंद्र सिंह ने संदेश दिया है कि क्रिकेट स्टेडियम न बनाएं ताकि बाकी खेलों को जगह मिल सके।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को क्यों तोड़ा जा रहा है ?
नए स्पोर्ट्स सिटी बनाने के लिए स्टेडियम को तोड़ा जा रहा है। स्थल के आसपास कुल 102 एकड़ जमीन में स्टेडियम बनाया जा रहा है। इसे पूरी तरह तोड़कर नया बनाया जाएगा। कतर और ऑस्ट्रेलिया से योजना लेकर यह स्पोर्ट्स सिटी बनाई जाएगी। हालांकि, यह सब अभी केवल योजना के स्तर पर है।