कोहली-गंभीर सम्बन्ध को लेकर भारतीय टीम के परिवार में अशांति के बादल

By सव्यसाची सरकार, Posted by: लखन भारती

Dec 03, 2025 11:55 IST

'डेनमार्क की स्थिति में कुछ गड़बड़ है!' रांची में विराट कोहली की जादुई खेल के बाद टीम इंडिया के घराने में जो कुछ भी सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहा है, उसमें अनिवार्य रूप से शेक्सपियर के 'हैमलेट' नाटक में मार्सेलस द्वारा की गई उस प्रसिद्ध टिप्पणी याद आ जाती है। आज रायपुर में दूसरा वनडे खेला जाएगा लेकिन मैदान के बाहर भी रोमांचक नाटकीय सामग्री कम नहीं है। रांची से रायपुर जाने के रास्ते में रांची हवाई अड्डे से जो कुछ तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं, वह टीम इंडिया के लिए बहुत अच्छा विज्ञापन नहीं है।

जब पूरी टीम रायपुर की फ्लाइट का इंतजार कर रही थी, राष्ट्रीय चयनकर्ताओं में से एक प्रज्ञान ओझा को हवाई अड्डे पर बैठे हुए लंबा समय बहुत ही गंभीर मुद्रा में विराट को बात करते देखा गया। वहीं हेड कोच गौतम गंभीर और लंबे समय के पुराने दोस्त रोहित शर्मा के साथ भी प्रज्ञान हवाई अड्डे पर बातचीत में व्यस्त रहे। उस बातचीत में विराट को नहीं देखा गया। स्वाभाविक रूप से चयनक के साथ विराट की बैठक को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इसमें आग पर घी डाल रहा है रांची मैच का एक वीडियो क्लिप, जिसमें देखा जा सकता है कि मैच के बाद विराट हेड कोच से बचते हुए ड्रेसिंग रूम में चले जाते हैं।

135 रन बनाने के बाद ड्रेसिंग रूम में लौटने पर गंभीर जब विराट को बधाई दे रहे थे, तब भी दूसरी ओर देखने के लिए मैच का हीरो निरुत्तर ही रहा। मैच के बाद रोहित के साथ गंभीर की बातचीत की तस्वीर ब्रॉडकास्टर के कैमरे में कैद हुई, लेकिन वहाँ भी विराट नजर नहीं आए। टीम इंडिया के वनडे माहौल में अशांति के बादलों को लेकर बोर्ड के अधिकारी भी चिंतित हैं। पिछले अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में तीसरे वनडे में रोहित का नाबाद शतक था, पहले दो मैचों में करने के बाद उस मैच में विराट 74 नाबाद थे। बोर्ड स्रोतों की खबर के अनुसार, चालू सीरीज में रांची में विराट के साथ कोच जीजी का कोई बातचीत नहीं हुआ। जब गंभीर पहली बार कोच बने थे, तब दोनों ने अतीत की गलतफहमियों को भूलकर पास आने की कोशिश की थी, लेकिन अब फिर से उनके संबंधों में ठंडापन स्पष्ट हो रहा है। दोनों ही एक-दूसरे से बच रहे हैं।

रायपुर में ही गंभीर और चयनकर्ता प्रमुख अग्रकर के साथ जरूरी बैठक में बोर्ड सचिव देवजीत शुईकिया शामिल होंगे। वहां दो महान सितारों के मौजूद होने की खबर नहीं है। बोर्ड रोहित-विराट के भविष्य के बारे में उनके साथ बात करेगा, वहां गंभीर और अगरकर उपस्थित रहेंगे। चल रहे सीरीज से पहले ऐसी खबर मीडिया में आने का भारतीय क्रिकेट के दो महान सितारों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। सरल तर्क है, जब नियमित रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं, तो भविष्य के बारे में बैठक किसलिए ? बैठक क्यों ? टेस्ट या टी-20 टीम में रोहित-विराट नहीं हैं, वहां टीम का नेतृत्व अब पूरी तरह से गंभीर के हाथ में है। अभी जिम्मेदारी मिले हुए शुभमन या केवल टी-20 फॉर्मेट में टीम में रहने वाले कप्तान सूर्यकुमार यादव को नियंत्रित करने में हेड कोच को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।

लेकिन उसी तरह वन डे फॉर्मेट में टीम चलाने जाएँ तो संघर्ष अवश्य होगा, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले ही मैच में यह सामने आ गया। भारतीय क्रिकेट में स्टार कल्चर में बहुप्रचलित नीति बदल कर गंभीर जो अच्छी टीम कल्चर की नीति लाना चाहते हैं, वह करियर के संध्याकाल में विराट के लिए स्वाभाविक रूप से स्वीकार करना कठिन है। रांची में मैच के बाद पुरस्कार वितरण के समय दिए गए साक्षात्कार में भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया, चाहे जितनी भी अटकलें हों, टेस्ट में वह बिल्कुल भी संन्यास तोड़कर नहीं लौट रहे हैं। इससे साफ है कि अब 2027 विश्व कप ही उनका लक्ष्य है। आईपीएल विजेता आरसीबी के कोच दिनेश कार्तिक की टिप्पणी यहाँ महत्वपूर्ण है। जो रांची मैच के बाद बोल रहे हैं, 'विराट ऐसे व्यक्ति हैं जो उत्कृष्टता का मानदंड स्वयं तय करते हैं। वहाँ भविष्य को लेकर अनावश्यक अटकलें करना पूरी तरह से बेकार है।'

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