एशिया कप में भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने आए, लेकिन एक बार भी हाथमिलाई नहीं की, ऐसा ही महिला टीमों ने भी विश्व कप में किया।
एशिया कप के हैंडशेक विवाद की गूंज अभी भी सुनाई पड़ रही है। इस बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस पर मुखर हुए हैं। उनके अनुसार, सुर्यकुमार यादव के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को चाहिए था कि दुबई में आयोजित एशिया कप में सलमान अली अगर की अगुवाई वाली पाकिस्तान टीम के साथ हाथ मिलाती। उनका साफ संदेश है, 'क्या यह हॉकी मैच था, जहां हमने एक दूसरे के कंधों पर हाथ रखा ? या कबड्डी ? कुछ ऐसा था—जहां भले ही हाथ न मिलाया गया हो, कंधे पर हाथ रखने जैसी दोस्ती की भावना होनी चाहिए थी। अगर खेल रहे हो, तो खेल की भावना बनाए रखनी चाहिए।'
क्रिकेट प्रेमी अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच होना चाहिए। उनका दावा है, 'और क्यों नहीं होगा ? मल्टीलेटरल टूर्नामेंट में समस्या कहाँ है ?'
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने हुए, लेकिन एक बार भी अभिवादन नहीं किया, यहां तक कि महिला टीम ने भी विश्व कप में श्रीलंका में न्यूट्रल वेन्यू पर यही व्यवहार किया। मैच के बाद अभिवादन करने के लिए भारत की महिला टीम ने सहमति नहीं दी।
इस बीच सूर्यकुमार यादव ब्रिगेड एशिया कप की विजेता ट्रॉफी एशियन क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन मोहसीन नकवी से ग्रहण नहीं करने पर कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया। पाकिस्तान ने इस पर ACC और ICC के पास औपचारिक शिकायत भेजी। अब्दुल्ला ने कहा, 'यदि आप खेल रहे हैं, तो अभिवादन करना चाहिए।'
नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख और देश के गृहमंत्री भी हैं, उन्होंने विजयी भारतीय टीम के हाथों ट्रॉफी सौंपने के लिए इसके बाद हामी नहीं भरी और रजत की ट्रॉफी लेकर चले गए। BCCI नाराज़ होकर अपने प्रतिक्रिया में कहा, 'जो देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रहे हैं, उनसे भारत ट्रॉफी स्वीकार नहीं कर सकता।'