कप्तान के रूप में शुभमन गिल ने पहली श्रृंखला की जीत का स्वाद चखा। वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला जीतकर वे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की दौड़ में काफी आगे बढ़ गए। हालांकि दूसरे मैच में भारत के कई फैसलों पर सवाल उठे हैं, जिनमें से एक है वेस्ट इंडीज़ को फॉलोऑन कराने का निर्णय। लगभग 300 के करीब रन होने के बावजूद क्यों फॉलोऑन कराया गया, गिल इस सवाल का सामना कर रहे हैं।
वेस्ट इंडीज़ को फॉलो-ऑन खेलने भेजने का उद्देश्य भारत को बल्लेबाजी करने से रोकना था, और कैरिबियाई इसे नहीं होने दिया। फॉलो-ऑन बचाकर भारत को पलट कर बल्लेबाजी करने भेजा गया। उनकी लड़ाई की प्रशंसा की गई है। खासकर उस समय जब यह आरोप था कि कैरिबियाई टेस्ट क्रिकेट से दूर हो रहे हैं, उस स्थिति में यह लड़ाई ध्यान खींची। एक समय ऐसा लगा कि फॉलो-ऑन का निर्णय बूमरैंग हो सकता है।
इस निर्णय के साथ मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में बोलते हुए शुभमन गिल ने कहा, 'देश के लिए प्रतिनिधित्व करना बड़े सम्मान की बात है। मैंने मैच की स्थिति के अनुसार काम करने का निर्णय लिया, और कभी-कभी कठिन निर्णय लेने होते हैं, यह देखना होता है कि कौन खिलाड़ी रन करेगा और कौन विकेट दे सकेगा। हम 300 रन आगे थे। अगर हम और रन बनाकर 500 रनों की बढ़त लेते तो पांचवें दिन 6-7 विकेट गिराने पड़ते, जो कठिन होता।'
यानी, फॉलो-ऑन कराने की योजना उन्होंने सोच-समझकर बनाई है। इस सीरीज़ के बाद अब भारतीय टीम ODI और टी-20 सीरीज़ खेलने ऑस्ट्रेलिया जाएगी। 19 तारीख से शुरू होने वाली उस सीरीज़ का खेल दबाव वाला है। इस पर गिल कहते हैं, 'ऑस्ट्रेलिया सीरीज में बल्लेबाज और कप्तान के रूप में क्या करना है, इसके बारे में मैंने नहीं सोचा। ऑस्ट्रेलिया जाने में हमें लंबी उड़ान करनी होगी। तब हम सोचेंगे।'