इडेन गार्डेन में एक तरफ से मोहम्मद शमी गेंदबाजी शुरू कर रहे हैं। दूसरी तरफ से आकाश दीप दौड़ते हुए आ रहे हैं। कल बुधवार को बंगाल के रणजी ट्रॉफी अभियान के पहले मैच में उत्तराखंड के खिलाफ इस तरह का दृश्य देखने की संभावना प्रबल है। दो स्टार टेस्ट क्रिकेटरों को शुरुआत से ही पाकर बंगाल की ताकत बढ़ गई है, इसमें कोई शक नहीं लेकिन बंगाल के कोच लक्ष्मीरतन शुक्ला इस तरह सोचने के लिए तैयार नहीं हैं।
‘इस समय’ के साथ विशेष साक्षात्कार में लक्ष्मी का साफ-साफ कहना, 'मेरी टीम में कोई स्टार नहीं है। सभी खिलाड़ी हैं लेकिन दूसरी तरफ देखें तो मेरी टीम के सभी स्टार हैं।' उन्होंने जोड़ा, 'शमी या आकाश दीप भी मेरे लिए वही हैं, ईशान पोरेल या सूरज सिंधु भी उसी तरह महत्वपूर्ण हैं।'
36 साल हो गए, बंगाल के घर रणजी ट्रॉफी नहीं आई। हालांकि टीम 15 बार रणजी फाइनल में पहुँची थी। लक्ष्मी की कोचिंग में भी दो साल पहले बंगाल फाइनल खेल चुका था लेकिन लक्ष्मीरतन अतीत को याद रखना नहीं चाहते। उन्होंने कहा, ‘पहले क्या हुआ, मैं नहीं जानता। इस बार शायद हम ट्रॉफी जीत पाएँगे। हम तो ट्रॉफी के बहुत करीब खड़े हैं।’
बैटिंग और बोलिंग दोनों विभागों में इस बार गहराई अधिक है। अभिमन्यु, सुदीप, अनुरूप के साथ अभिषेक पोरेल और सुदीप घारामि रन बनाने के लिए हैं। अभिमन्यु फिर से कप्तानी पा चुके हैं। लक्ष्मी कह रही हैं, ‘अभिमन्यु इंडिया ए टीम के कप्तान हैं। उन्हें बंगाल का कप्तान होना ही चाहिए। यह सम्मान की बात है। टीम में मेरे लिए क्रिकेटरों का सम्मान सबसे बड़ा है। इसके अलावा पूरी बात अनुरूप से चर्चा करके ही की गई है। नाम भी अनुरूप ने दिया था। इसमें कोई विवाद नहीं है।’
रणजी अभियान शुरू होने से पहले ही सौरव गांगुली सीएबी के अध्यक्ष के रूप में लौट आए हैं। वे नियमित रूप से मैदान पर आ रहे हैं और खिलाड़ियों को तकनीक हाथों-हाथ दिखा रहे हैं। सौरभ रोज़ लक्ष्मी से लंबी बातचीत भी कर रहे हैं। बंगाल की कोच कहती हैं, 'दादी को इस तरह पाने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। दादी का क्रिकेट मस्तिष्क इतना तीक्ष्ण है कि छोटे-छोटे टिप्स से
भी बहुत कुछ बदल सकता है। दादी मैच के समय भी आएंगी। जरूरत पड़ने पर वहां भी बात करेंगे।'