तब भी भारत की कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों में थी। 12 साल बाद इस ट्रॉफी जीत में अहम भूमिका निभाई थी श्रेयस अय्यर, वरुण चक्रवर्ती, मोहम्मद सामी ने। भारत के कोच के रूप में यह गौतम गंभीर की पहली ट्रॉफी जीत थी लेकिन गंभीर नहीं, रोहित शर्मा ने इस खिताब जीत का श्रेय पूर्व कोच राहुल द्रविड़ को दिया। बताया कि उन्होंने जो टोन सेट किया था, उसी राह पर चलकर भारत को सफलता मिली।
हाल ही में एक कार्यक्रम में Champions Trophy जीत के लक्ष्य के साथ भारतीय टीम को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए रोहित शर्मा को पुरस्कार मिला है। वहीं रोहित ने द्रविड़ के बारे में 2024 के T-Twenty विश्वकप जीत का प्रसंग भी छेड़ा। उन्होंने कहा कि द्रविड़ के बनाए सभी नियमों को वे मानते थे। इसलिये भारतीय टीम के हर सदस्य और इसी कारण सफलता मिली।
उन्होंने कहा, 'एक बार कोई मैच जीतने के बाद उसके बारे में नहीं सोचते थे। फोकस करते थे अगले मैच पर। इसलिए पुराने मैच संबंधी कोई विचार मन में जगह नहीं पाते थे। पूरी टीम इस नियम को मानती थी और इसी की पुनरावृत्ति होती थी। बहुत प्रभावी रही थी यह प्रक्रिया। राहुल भाई (द्रविड़) की इसी योजना से T-Twenty विश्वकप में सफलता मिली थी। हमने उसी को Champions Trophy में जारी रखा।'
यानी हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर ने जिम्मेदारी संभाली लेकिन खिताब जीत के पीछे उनकी कोई विशेष भूमिका नहीं थी, यह रोहित की बात से स्पष्ट है। 2023 में विश्वकप के फाइनल में पहुंचकर भी भारत को हारना पड़ा था। उस घाव को मिटाकर लगातार ट्रॉफी जीतने के लिए साथियों की भी तारीफ की पूर्व कप्तान ने। बताया कि सालों के सामूहिक प्रयास के बाद ही यह सफलता मिली है।