जीवन में किपिंग न करने वाला खिलाड़ी बना विकेटकीपर, दिल्ली क्रिकेट में भ्रष्टाचार

इस बार दिल्ली डिस्ट्रीक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ टीम चयन को लेकर गंभीर आरोप लग गए हैं। प्रभाव का इस्तेमाल करके अनुपयुक्त क्रिकेटर को टीम में शामिल किए जाने का आरोप लगाया गया है और इस मामले में सीधे तौर पर डीडीसीए के प्रमुख रोहित जेटली की पैनल सदस्य का नाम जुड़ गया है।

By Navin Paul, Navin Paul Posted by: लखन भारती

Oct 07, 2025 19:56 IST

चाहे घरेलू क्रिकेट हो या अंतर्राष्ट्रीय, टीम चयन को लेकर हमेशा विवाद रहता है। पसंदीदा खिलाड़ी को मौका न मिलने से लेकर अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद अवसर न मिलने तक, कई मुद्दों पर विवाद होते हैं। इस बार दिल्ली डिस्ट्रीक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ टीम चयन को लेकर गंभीर आरोप लग गए हैं। प्रभाव का इस्तेमाल करके अनुपयुक्त क्रिकेटर को टीम में शामिल किए जाने का आरोप लगाया गया है और इस मामले में सीधे तौर पर डीडीसीए के प्रमुख रोहित जेटली की पैनल सदस्य का नाम जुड़ गया है।

घटना क्या है?


दैनिक जागरण में छपी रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में दिल्ली ने विनु मांकड़ ट्रॉफी के लिए 23 सदस्यीय अंडर-19 टीम घोषित की। उस टीम की सूची में 22वीं नंबर पर एक खिलाड़ी का नाम सभी का ध्यान आकर्षित करता है। उस खिलाड़ी का नाम सामने न आने के बावजूद, रिपोर्ट में बताया गया है कि उस खिलाड़ी को बैकअप विकेटकीपर के रूप में टीम में रखा गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि वह खिलाड़ी कभी विकेटकीपिंग नहीं करता था। टीम के प्रमुख विकेटकीपर के रूप में अभिराज गगन सिंह को रखा गया है। 3 अक्टूबर को टीम की घोषणा के बाद DDCA के अधिकारियों ने इस मामले को अध्यक्ष रोहन जेटली के ध्यान में लाया। रोहन जेटली ने घटना की जांच की। जांच के बाद पता चला कि जिस खिलाड़ी को मौका दिया गया था, उसका नाम चयनकर्ताओं ने सुझाया ही नहीं था। DDCA के एक प्रभावशाली अधिकारी ने चयनकर्ताओं पर उस खिलाड़ी को मौका देने के लिए दबाव डाला। इसके बाद रोहन जेटली ने उस खिलाड़ी को टीम से हटा दिया।

यह पहली बार नहीं है, इससे पहले DDCA के सचिव अशोक शर्मा ने रोहन जेटली पर आरोप लगाए थे। अंडर-23 रणजी ट्रॉफी की टीम गठन की बैठक में चयनकर्ताओं के साथ तीन डायरेक्टर की उपस्थिति की ओर उन्होंने इशारा किया था। DDCA ने इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया। अशोक शर्मा ने इस मामले को लेकर इंटरव्यू में कहा, 'डायरेक्टर टीम के चयन में हिस्सा नहीं ले सकते। इसके बावजूद हर्ष सिंगला, आनंद वर्मा, मनजीत सिंह टीम गठन की बैठक में शामिल हुए।'


इन दोनों घटनाओं के बाद पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ गए हैं। टीम चयन के मामले में चयनकर्ताओं की राय अंतिम होनी चाहिए। वहां किसी एक अधिकारी के दबाव में अयोग्य खिलाड़ी को मौका देना वास्तव में क्रिकेट की छवि पर असर डालता है। आरोपी खिलाड़ी को टीम से हटा दिया गया, लेकिन आरोपी अधिकारी के खिलाफ अभी तक DDCA ने कोई कार्रवाई नहीं की है।



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