काफी समय से शुभमन गिल को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनाए जाने की मांग उठ रही थी। एक-कप्तान नीति पर चलने वाली टीम इंडिया ने इस मामले में नियम तोड़ते हुए टेस्ट और वनडे में शुभमन गिल को, जबकि टी-20 में सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया, लेकिन अब एक कप्तान नीति की बात तो दूर, भारत ने टी-20 टीम से शुभमन गिल को ही बाहर कर दिया है। आगामी टी-20 विश्व कप की टीम में उन्हें जगह नहीं मिली। इस घटना के बाद गिल को बाहर करने के पीछे की कहानी सामने आई है।
शनिवार, 20 दिसंबर को बीसीसीआई की ओर से आगामी टी-20 विश्व कप के लिए टीम की घोषणा के बाद यह पता चला कि उसमें शुभमन गिल का नाम नहीं है। खास बात यह है कि गिल को पहले से यह जानकारी नहीं थी कि उन्हें टीम से बाहर किया जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथा टी-20 मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। उस मैच से पहले शुभमन गिल चोटिल हो गए और बाहर हो गए। इसके बाद अहमदाबाद में होने वाले आखिरी मैच में भी वह नहीं खेले। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चौथे मैच के समय ही यह तय कर लिया गया था कि गिल को विश्व कप टीम में नहीं रखा जाएगा, लेकिन यह बात गिल को नहीं बताई गई। बीसीसीआई के सचिव, चयनकर्ता या कप्तान—किसी ने भी शुभमन गिल को इसकी जानकारी नहीं दी। कई लोगों का मानना है कि यह गिल के लिए अपमानजनक है। जब गिल दो फॉर्मेट के कप्तान हैं, ऐसे खिलाड़ी को बिना बताए विश्व कप टीम से बाहर करना कई लोगों को सही नहीं लग रहा है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि लखनऊ मैच से पहले गिल को चोट लगी थी, लेकिन अहमदाबाद मैच से पहले वह फिट हो गए थे। वह खेलना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें नहीं खिलाया। इससे पहले ही टी-20 में सह-कप्तान के पद से गिल को हटाने का फैसला ले लिया गया था। यही गिल के बाहर होने का पहला संकेत था। विशेषज्ञों का मानना है कि तीन मैचों में सिर्फ 32 रन बनाने के बाद अगर गिल को विश्व कप टीम में रखा जाता, तो वह अच्छा संदेश नहीं देता।